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⚓ रूस ने भारतीय नौसेना को सौंपा नया स्टील्थ फ्रिगेट 'तमाल', रक्षा साझेदारी को मिली नई मजबूती

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 198

भारत को मिला आठवां क्रिवाक-क्लास युद्धपोत, अत्याधुनिक हथियारों और स्वदेशी तकनीक से लैस

1 जुलाई 2025। रूस ने भारत को एक और क्रिवाक-क्लास स्टील्थ फ्रिगेट सौंपकर दोनों देशों के बीच दशकों पुराने रक्षा सहयोग को और गहरा कर दिया है। यह बहुउद्देशीय युद्धपोत, जिसे 'तमाल' नाम दिया गया है, मंगलवार को रूस के कैलिनिनग्राद स्थित यंतर शिपयार्ड में एक औपचारिक समारोह के दौरान भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया।

‘तमाल’ भारतीय नौसेना को रूस से प्राप्त होने वाला आठवां क्रिवाक-क्लास फ्रिगेट है। इसका नाम हिंदू धर्म के पौराणिक युद्ध प्रतीकों से प्रेरित है, जो देवताओं की दिव्य तलवारों को दर्शाता है। यह युद्धपोत रक्षा तकनीक, रणनीतिक आत्मनिर्भरता और भारत-रूस मैत्री की एक शक्तिशाली मिसाल बनकर उभरा है।

🔧 निर्माण और स्वदेशी भागीदारी
इस पोत का निर्माण रूसी यंतर शिपयार्ड में हुआ, जबकि इसकी निगरानी और गुणवत्ता नियंत्रण की ज़िम्मेदारी भारतीय नौसेना के विशेषज्ञों की थी, जो कैलिनिनग्राद में तैनात हैं। उल्लेखनीय है कि इस फ्रिगेट में 26% स्वदेशी घटकों का इस्तेमाल किया गया है, जो ‘मेक इन इंडिया’ पहल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारतीय नौसेना के अनुसार, ‘तमाल’ में कई प्रमुख भारतीय कंपनियों की तकनीकी भागीदारी रही है, जिनमें शामिल हैं:

ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL)

केलट्रॉन

टाटा एयरोस्पेस-नोवा इंटीग्रेटेड सिस्टम्स

एल्कम मरीन और

जॉनसन कंट्रोल्स इंडिया सहित कई अन्य।

🔫 तकनीकी विशेषताएं और युद्ध क्षमता
‘तमाल’ को आधुनिक हथियार प्रणालियों और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं से लैस किया गया है। इसमें शामिल हैं:

वर्टिकल लॉन्च मिसाइल सिस्टम

100 मिमी की एडवांस्ड नेवल गन

सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलें

HUMSA NG Mk II सोनार प्रणाली

सरफेस सर्विलांस रडार कॉम्प्लेक्स

यह युद्धपोत 30 समुद्री मील से अधिक की अधिकतम गति तक पहुंच सकता है और इसमें 250 से अधिक नौसैनिकों का दल तैनात किया जा सकता है। कठिन रूसी समुद्री परिस्थितियों में इसके सभी परीक्षण और प्रशिक्षण कार्य सफलतापूर्वक पूरे किए जा चुके हैं।

🇷🇺🤝🇮🇳 भारत-रूस रक्षा साझेदारी को नई ऊंचाई
भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग दशकों पुराना है। हाल ही में रूस के रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मुलाकात में यह स्पष्ट किया गया कि दोनों देश सैन्य-तकनीकी क्षेत्र में साझेदारी को और आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

दिसंबर 2024 में ही भारत को रूस निर्मित एक और प्रोजेक्ट 11356 स्टील्थ फ्रिगेट – आईएनएस तुशील प्राप्त हुआ था। इसके अलावा, गोवा शिपयार्ड में भारत-रूस की साझा तकनीकी सहायता से दो और ‘त्रिपुट’ श्रेणी के युद्धपोतों का निर्माण भी चल रहा है।

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