
1 जुलाई 2025। प्रसिद्ध फ्रांसीसी समाचार पत्र ले मोंडे की रिपोर्ट के अनुसार, चीन में नकद लेनदेन लगभग इतिहास बन चुका है। सुपरमार्केट, कैफे, टैक्सी और यहां तक कि फल-सब्ज़ी मंडियों में भी अब वीचैट पे और अलीपे जैसे मोबाइल ऐप्स से भुगतान किया जा रहा है।
रिपोर्ट बताती है कि आज चीनी समाज में केवल वृद्ध लोग ही नोटों और सिक्कों का उपयोग करते हैं। शेष समाज में कैश लगभग गायब हो गया है। यहां तक कि कई दुकानों में खुल्ले पैसे की सुविधा नहीं है, और टैक्सी चालक नकद लेने से इनकार कर देते हैं।
बैंकिंग की भूमिका घट रही, मोबाइल ऐप्स का वर्चस्व
इस डिजिटल बदलाव ने पारंपरिक बैंकों की भूमिका को सीमित कर दिया है। युवा पीढ़ी अब केवल बंधक (लोन) जैसे मामलों में ही बैंकों से जुड़ती है। इसके जवाब में चीन के केंद्रीय बैंक ने डिजिटल युआन नामक अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी लॉन्च की है, लेकिन यह अब तक आम जनता की दैनिक जीवनशैली में पैठ नहीं बना पाई है।
हालांकि, डिजिटल युआन को लेकर चीन की सरकार उत्साहित है। 260 मिलियन अकाउंट खुलने के दावे हैं, लेकिन ले मोंडे के मुताबिक इसकी लोकप्रियता अभी भी वीचैट और अलीपे से पीछे है। इसकी राह में एक प्रमुख झटका तब लगा जब 2024 में डिजिटल मुद्रा प्रोजेक्ट के पूर्व अधिकारी याओ कियान को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
डॉलर पर निर्भरता घटाने की तैयारी
भविष्य में चीन की योजना डिजिटल युआन के माध्यम से अमेरिकी डॉलर पर वैश्विक निर्भरता कम करने और बहु-मुद्रा प्रणाली को बढ़ावा देने की है। हालांकि, घरेलू स्तर पर चीन को अभी भी मोबाइल पेमेंट प्लेटफॉर्म के गढ़ को चुनौती देने में संघर्ष करना पड़ रहा है।