
1 जुलाई 2025। हाल ही में केरल के तिरुवनंतपुरम बंदरगाह पर एक अमेरिकी निर्मित F-35B फाइटर जेट की मौजूदगी ने मीडिया और सामरिक विशेषज्ञों के बीच खलबली मचा दी है। इस रहस्यमयी उपस्थिति को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं – क्या भारत ने इस विमान को ज़ब्त किया है? क्या तकनीकी खराबी के कारण यह यहां फंसा है? और आखिर अमेरिका और ब्रिटेन इस पर चुप क्यों हैं?
🔍 F-35B: दुनिया का सबसे हाई-टेक फाइटर
F-35B को अमेरिकी रक्षा निर्माता Lockheed Martin ने बनाया है। यह दुनिया के सबसे उन्नत 5वीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट्स में से एक है, जिसकी सबसे बड़ी खासियत है — रडार से छिपने की क्षमता (Stealth) और वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग (VTOL) यानी यह जेट हेलीकॉप्टर की तरह सीधा ऊपर उड़ सकता है और नीचे उतर सकता है। इसकी कीमत करीब ₹1000 करोड़ (120 मिलियन डॉलर) है।
🇬🇧 यूके की रॉयल एयरफोर्स का विमान
हालांकि यह जेट अमेरिका का बना हुआ है, लेकिन यह यूके की रॉयल एयरफोर्स (RAF) द्वारा उपयोग में लाया जा रहा है। जैसे भारत ने फ्रांस से राफेल खरीदकर उसे भारतीय वायुसेना में शामिल किया, वैसे ही ब्रिटेन ने अमेरिका से F-35 खरीदा है और अपने नौसेनिक बेड़े में इसे तैनात किया है।
🇮🇳 भारत में कैसे पहुंचा यह जेट?
यह F-35B ब्रिटेन के HMS Queen Elizabeth एयरक्राफ्ट कैरियर के साथ एक जॉइंट मिलिट्री मिशन के तहत हिंद महासागर में तैनात था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस विमान को तिरुवनंतपुरम पोर्ट पर कुछ तकनीकी खामी (technical glitch) के चलते उतारा गया। इसे भारत ने न तो जब्त किया है और न ही खरीदा। फिलहाल यह विमान CISF (Central Industrial Security Force) की सुरक्षा में बंदरगाह पर खड़ा है।
🤯 साजिश या संयोग?
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर कई षड्यंत्र के सिद्धांत (conspiracy theories) फैलाए जा रहे हैं:
क्या भारत ने अमेरिकी तकनीक को ट्रैप कर लिया?
क्या यह अमेरिका की तकनीक की असफलता है?
क्या यह जानबूझकर भारत के परीक्षण हेतु छोड़ा गया है?
लेकिन अंकित अवस्थी ने अपने विश्लेषण में साफ किया कि इस घटना के पीछे कोई साजिश नहीं दिखती। यह पूरी तरह एक तकनीकी खराबी का मामला है, जिसे अमेरिका और ब्रिटेन दोनों ने औपचारिक रूप से स्वीकार नहीं किया, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स और विश्लेषण इसे स्पष्ट करते हैं।
⚠️ अमेरिका के लिए शर्मनाक स्थिति?
एक ऐसा विमान जिसे दुनिया में स्टेल्थ और अजेय तकनीक का प्रतीक माना जाता है, उसका इस तरह भारत में 17 दिनों से खुले में खड़ा रहना अमेरिका और उसकी रक्षा कंपनियों के लिए एक ब्रांड इमेज संकट से कम नहीं है। यह वैसा ही है जैसे कोई महंगी कार सड़क किनारे खराब हो जाए।
📌 F-35B की भारत में मौजूदगी निश्चित रूप से एक भौगोलिक, सामरिक और तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण घटना है। लेकिन यह किसी साजिश से अधिक एक तकनीकी विफलता और रूटीन मिशन का हिस्सा लगता है। फिर भी, इस घटना ने अमेरिका की हाई-एंड टेक्नोलॉजी के विश्वसनीयता पर सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं।