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अंतर्राष्ट्रीय बाघ तस्कर को 5 वर्ष की सजा, इंटरपोल मुख्यालय फ्रांस ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ तस्कर के विरुद्ध सख्त कार्यवाही के लिये मध्यप्रदेश वन विभाग को दी बधाई

Place: Bhopal                                                 👤Posted By: Admin                                                         Views: 213586

Bhopal: भोपाल 2 जुलाई 2025, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर प्रदेश में वन एवं वन्य-जीव संरक्षण के लिये किये जा रहे समग्र प्रयासों के अंतर्गत वन विभाग की स्टेट टाइगर फोर्स भोपाल द्वारा अंतर्राष्ट्रीय बाघ तस्कर ताशी शेरपा, जो मूल रूप से तिब्बत का निवासी है, जिसे 9 साल की कड़ी मेहनत के बाद 25 जनवरी, 2024 को अंतर्राष्ट्रीय सीमा भारत-नेपाल के पास सिलीगुड़ी पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया था। स्टेट टाइगर फोर्स द्वारा की गयी सटीक विवेचना एवं न्यायालय में रखे गये ठोस पक्ष के आधार पर आरोपी शेरपा को 9 मई, 2025 को 5 वर्ष की सजा दी गयी।

इंटरपोल मुख्यालय ल्योन, फ्रांस से जारी पत्र में मध्यप्रदेश वन विभाग की स्टेट टाइगर फोर्स को अंतर्राष्ट्रीय बाघ तस्कर ताशी शेरपा के सफलतापूर्वक अभियोजन पूर्ण कर सजा दिलवाने की उत्कृष्ट कार्रवाई के लिये बधाई-पत्र भेजा है। इंटरपोल जिसे आधिकारिक तौर पर अंतर्राष्ट्रीय अपराधी नियंत्रण पुलिस संगठन कहा जाता है। यह एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जो 195 से अधिक देशों ने मिलकर बनाया है। यह पूरे विश्व में पुलिस एवं अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सहयोग और अपराध नियंत्रण की सुविधा प्रदान करता है।

मध्यप्रदेश वन विभाग ने स्टेट टाइगर फोर्स का गठन केन्द्र शासन के निर्देश पर वन्य-जीवों की तस्करी की रोकथाम के लिये किया है। स्टेट टाइगर फोर्स ने विगत कुछ वर्षों में उत्कृष्ट कार्य करते हुए अंतर्राज्यीय एवं अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। इससे पहले भी इंटरपोल द्वारा 3 बार एसटीएसएफ के कार्यों की सराहना की जा चुकी है।

अपराधी ताशी शेरपा अंतर्राष्ट्रीय बाघ तस्करी गिरोह की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जिसका नेटवर्क भारत, नेपाल, भूटान और चीन तक फैला हुआ है। जुलाई-2024 में सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली ने मामले की गंभीरता को देखते हुए ताशी शेरपा की जमानत याचिका को खारिज कर ट्रॉयल कोर्ट नर्मदापुरम को एक वर्ष के भीतर ट्रॉयल पूरा करने का निर्देश दिया था। स्टेट टाइगर फोर्स ने वैज्ञानिक विवेचना करते हुए ताशी शेरपा की ब्रेन-मेपिंग और पॉलीग्राफी परीक्षण करवाया, जिससे उसके विरुद्ध महत्वपूर्ण सबूत मिले। इसके अतिरिक्त साइबर डेटा भी एकत्र कर न्यायालय में महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में पेश किये गये।

देश का यह पहला मामला है, जिसमें बाघ शिकारियों, कुरियर, बिचौलियों और तस्करों सहित 28 अपराधियों के गिरोह को गिरफ्तार किया गया, जिसमें सभी दोषी ठहराये गये। उक्त प्रकरण में एक सरगना जेई तमांग उर्फ पसांग लिमी फरार है। तमांग के विरुद्ध इंटरपोल द्वारा रेड कार्नर नोटिस भी जारी किया गया। इंटरपोल द्वारा उक्त पत्र में वांछित विदेशी बाघ तस्करों के विरुद्ध कार्रवाई में मध्यप्रदेश स्टेट टाइगर फोर्स की सहायता प्रदान करने का लेख है। इस प्रकरण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले वन अधिकारियों को पुरस्कृत किया जायेगा।

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