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👉🏻 11.85 लाख पीवीटीजी आबादी में से 11.74 लाख से अधिक के आधार कार्ड बने

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Location: Bhopal                                                 👤Posted By: Admin                                                                         Views: 156434

Bhopal:
10.30 लाख से अधिक जाति प्रमाण-पत्र भी बनाये गये

भोपाल : गुरूवार, जुलाई 25, 2024, प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) योजना में विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों (पीवीटीजी) के तीव्र विकास के लिये विशेष प्रयास तेजी से किये जा रहे हैं। इन पीवीटीजी परिवारों को केन्द्र व राज्य सरकार की सभी हितग्राहीमूलक व विकासमूलक योजनाओं एवं स्वास्थ्य कार्यक्रमों का सीधा लाभ देकर इनके स्थायी रोजगार की व्यवस्था भी की जा रही है।

प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजातियों (बैगा, भारिया एवं सहरिया) की लगभग 11 लाख 85 हजार 374 आबादी निवास करती है। इस आबादी में सभी के आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) बनाने के साथ-साथ सबके जन-धन बैंक खाते भी खोले जा रहे हैं। साथ ही इन सभी के जाति प्रमाण-पत्र बनाने के अलावा इस जनजाति समूह के पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ भी दिया जा रहा है।

राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में समीक्षा की गई। जिसमें पाया गया कि जून 2024 तक लक्षित आबादी के 11 लाख 74 हजार 648 व्यक्यिों के आधार कार्ड, 10 लाख 30 हजार 190 व्यक्तियों के जाति प्रमाण-पत्र, 6 लाख 25 हजार 999 आयुष्मान भारत कार्ड, 5 लाख 46 हजार 484 व्यक्तियों के जन-धन बैंक खाते एवं 2 लाख 97 हजार 421 राशन कार्ड भी बना दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त लक्षित समूह के 86 हजार 665 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ देकर 64 हजार 100 किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड भी बना दिये गये हैं।

योजना के क्रियान्वयन में भागीदारी करते हुए नोडल विभाग (जनजातीय कार्य) द्वारा पीवीटीजी बाहुल्य 19 जिलों में करीब 147.65 लाख रूपये की लागत से 198 जन-धन विकास केन्द्रों (वीडीवीकेएस) की स्थापना की जायेगी। इसके अलावा 17 जिलों में लगभग 7500 लाख रूपये व्यय कर 284 बहुउद्देशीय केन्द्रों (एमपीसीएस) की स्थापना भी जनजातीय कार्य विभाग द्वारा ही की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पीएम जन-मन के अन्तर्गत मध्यप्रदेश के चिन्हित 24 जिलों में निवासरत बैगा, भारिया एवं सहरिया विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग की 11 लाख 85 हजार 374 आबादी को विभिन्न प्रकार की सहायता व रोजगारोन्मुखी कौशल प्रशिक्षण देकर इन्हें विकास की नई राह से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। भारत सरकार के 9 मंत्रालयों की 11 चिन्हित अधोसंरचना एवं विकासमूलक गतिविधियों एवं 7 हितग्राहीमूलक योजनाओं के घर पहुंच लाभ प्रदाय पर केन्द्रित इस महा अभियान के तहत मध्यप्रदेश में करीब 7 हजार 300 करोड़ रूपये व्यय कर इन 3 विशेष पिछड़ी जनजातियों के समग्र कल्याण के लिये ठोस प्रयास तेजी से किये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश के 11 जिलों डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, उमरिया, अनूपपुर, शहडोल, जबलपुर, कटनी, मैहर, सीधी एवं सिंगरौली में 2 हजार 569 ग्रामों एवं बसाहटों में करीब 4 लाख 53 हजार 320 बैगा, 10 जिलों श्योपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, गुना, मुरैना, दतिया, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन एवं भिण्ड में 2 हजार 617 ग्रामों एवं बसाहटों में 6 लाख 86 हजार 986 सहरिया तथा 3 जिलों छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर एवं सिवनी में 315 ग्रामों एवं बसाहटों में 45 हजार 68 भारिया जनजातीय बंधु निवास करते हैं। योजना के तहत इन सभी को आधुनिक विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं।

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