
2 अक्टूबर 2017। अब प्रदेश में स्थित केंद्र/राज्य सरकार के विभागों, शासकीय संस्थानों, शासकीय एजेन्सियों तथा स्थानीय निकायों/प्राधिकरणों को जीएसटी की स्रोत पर कटौति करना होगी। ढाई लाख रुपये तक के माल की स्पलाय पर तो जीएसटी नहीं काटी जायेगी परन्तु इससे अधिक राशि के माल का सप्लाय आने पर स्रोत पर कटौति करना अनिवार्य होगा अन्यथा स्रोत पर न काटी गई राशि के बराबर अथवा दस हजार रुपये जो भी अधिक हो दण्ड के रुप में अधिरोपित की जायेगी। स्रोत पर यह कटौति सप्लायर को भुगतान की जाने वाली राशि में से होगा।
प्रदेश के वाणिज्यिक कर विभाग ने इस संबंध में सभी सरकारी विभागों को स्रोत पर जीएसटी की कटौति यानि टीडीएस के संबंध में निर्देश जारी कर दिये हैं। अब सभी सरकारी विभागों, संस्थाओं एवं एजेन्सियों को टीडीएस काटने के लिये जीएसटी पोर्टल में एक माह के भीतर अपना पंजीयन कराना होगा।
इस दर पर होगी स्रोत पर कटौति :
यदि सप्लायर की लोकेशन मप्र में है और सप्लाय भी प्रदेश के अंदर है तो एक प्रतिशत स्टेट जीएसटी तथा एक प्रतिशत सेन्ट्रेल जीएसटी की स्रोत पर कटौति होगी। सप्लायर की लोकेशन मप्र के बाहर होने पर यह अंतर्राज्यीय सप्लाय होगी तथा टीडीएस 2 प्रतिशत की दर से इन्टीग्रेटेड जीएसटी के अंतर्गत काटा जायेगा। यदि सप्लायर तथा डिडक्टर यानी टीडीएस काटने वाला विभाग या संस्था या एजेन्सी दोनों की ही लोकेशन मप्र के बाहर अन्य राज्य में है, तो डिडक्टर को अन्य राज्य में अपना पंजीयन कराना होगा। जैसे मप्र शासन का कोई कार्यालय अथवा संस्थान दिल्ली में होने पर उसे दिल्ली में पंजीयन प्राप्त कराना होगा और टीडीएस काटना होगा।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, टीडीएस काटने के लिये जीएसटी पोर्टल में तीस दिन के अंदर पंजीयन कराना है। वाणिज्यिक कर विभाग ने टीडीएस कटौति की जो दर बताई है वह स्थगित हो गई है तथा केंद्र सरकार ने जल्द नये सिरे से टीडीएस काटने की दर अधिसूचित करेगा।
- डॉ नवीन जोशी