भारत की तकनीकी प्रगति में मध्यप्रदेश का अहम योगदान
साइबर सुरक्षा के लिए मध्यप्रदेश कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (MP-CERT) का गठन।
शासकीय विभागों में 105 मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों का पंजीकरण।
अंतरिक्ष विज्ञान में प्रगति से भारत बना रहा है वैश्विक महाशक्ति।
18 नवंबर 2024। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश जल्द ही विज्ञान, प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं का नया केंद्र बनकर उभरेगा। जबलपुर में आयोजित चार दिवसीय महाकौशल विज्ञान मेला और आरोग्य एक्सपो 2024 के समापन समारोह को वर्चुअली संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में विज्ञान का उपयोग खेती और वित्त से लेकर शिक्षा, मेडिसिन, निर्माण और संचार जैसे हर क्षेत्र में हो रहा है।
डॉ. यादव ने बताया कि प्रदेश की तकनीकी और डिजिटल विकास यात्रा सुशासन पर आधारित है। आईटी और आईटीईएस क्षेत्रों में निवेश तेजी से बढ़ रहा है। साथ ही, मध्यप्रदेश विज्ञान परिषद छात्रों को नवाचार और स्टार्टअप के लिए मंच प्रदान कर रही है। सेटेलाइट इमेजरी और भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) जैसे तकनीकी साधनों का उपयोग जन-कल्याण में किया जा रहा है। किसानों के भूमि रिकॉर्ड और दस्तावेज अब साइबर तहसीलों के माध्यम से डिजिटल रूप में उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
डिजिटल नवाचार, सुशासन और जन-कल्याण
डॉ. यादव ने बताया कि साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए राज्य ने एमपी-सीईआरटी का गठन किया है। शासकीय विभागों में 105 मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया:
जबलपुर में साइंस सेंटर: ₹17 करोड़ की लागत से निर्माण।
उज्जैन में साइंस सिटी: ₹230 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन।
तारामंडल का उन्नयन: अत्याधुनिक 3डी 4के तकनीक से सुसज्जित, 400 से अधिक शो सफलतापूर्वक आयोजित।
ड्रोन, स्पेस टेक्नोलॉजी और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग जल आपूर्ति और संपत्ति प्रबंधन जैसी योजनाओं में किया जा रहा है। डोंगला स्थित वेधशाला ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश को खगोलीय अनुसंधान में पहचान दिलाई है।
अंतरिक्ष विज्ञान में भारत का बढ़ता दबदबा
मुख्यमंत्री ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सफर साइकिल और बैलगाड़ी से शुरू होकर चंद्रमा, मंगल और सूर्य तक पहुँच चुका है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वैज्ञानिकों का मनोबल बढ़ाने और अनुसंधान को बढ़ावा देने का श्रेय दिया।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान को याद करते हुए कहा:
लाल बहादुर शास्त्री ने "जय जवान, जय किसान" का नारा दिया।
अटल बिहारी वाजपेयी ने "जय विज्ञान" का मंत्र जोड़ा।
और अब, प्रधानमंत्री मोदी ने "जय अनुसंधान" को प्राथमिकता दी है।
डोंगला वेधशाला: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान
डॉ. यादव ने कहा कि डोंगला वेधशाला के माध्यम से समय की सटीक गणना संभव होगी। उज्जैन में वैदिक घड़ी की स्थापना के साथ भविष्य में और भी कई वैज्ञानिक परियोजनाओं को राज्य द्वारा अपनाया जाएगा।
जबलपुर: नवाचार और विरासत का संगम
मुख्यमंत्री ने जबलपुर को नवाचारों की धरती बताते हुए महाकौशल विज्ञान मेले के सफल आयोजन के लिए सभी प्रतिभागियों को बधाई दी।
समापन समारोह में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, सांसद आशीष दुबे, महापौर जगत बहादुर सिंह और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के अध्यक्ष अनिल कोठारी समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। एक्सपो में विज्ञान और नवाचार से संबंधित प्रदर्शनी के विभिन्न स्टॉल लगाए गए, जिनमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कृत किया गया।
डिजिटल और विज्ञान क्षेत्र में अग्रणी बनेगा मध्यप्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 977
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