अमेरिकी फंडिंग रुकने से भारत में ट्रांसजेंडर क्लिनिक बंद

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 631

28 फरवरी 2025। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा सभी अमेरिकी विदेशी सहायता पर 90-दिवसीय रोक लगाने के बाद भारत में संचालित एक प्रमुख ट्रांसजेंडर क्लिनिक बंद हो गया।

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारत का पहला ट्रांसजेंडर क्लिनिक 'मित्र' अपनी सेवाएँ रोकने के लिए मजबूर हुआ है। यह क्लिनिक सामान्य स्वास्थ्य परामर्श, एचआईवी परीक्षण और उपचार, मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करता था और ट्रांसजेंडर समुदाय को कानूनी और सामाजिक सेवाओं तक पहुँचने में मदद करता था।

'मित्र' क्लिनिक को यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) और यूएस प्रेसिडेंट इमरजेंसी प्लान फॉर एड्स रिलीफ (पीईपीएफएआर) से वित्तीय सहायता मिल रही थी। इस क्लिनिक का बंद होना अमेरिका द्वारा अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण रोकने का सीधा परिणाम है। रिपोर्टों के मुताबिक, इस फैसले से वैश्विक स्तर पर हजारों परियोजनाएँ प्रभावित हुई हैं और कई यूएसएआईडी अधिकारियों को अवकाश पर भेजा गया है।

'द हिंदू' द्वारा उद्धृत एक ट्रांस हेल्थ विशेषज्ञ के अनुसार, जनवरी के अंत में फंडिंग में कटौती की घोषणा के तुरंत बाद 'मित्र' क्लिनिक का संचालन निलंबित कर दिया गया था। इस क्लिनिक की स्थापना जनवरी 2021 में हैदराबाद में हुई थी और इसके अतिरिक्त दो केंद्र मुंबई और पुणे में भी मौजूद थे।

इस बीच, अमेरिकी रिपब्लिकन सीनेटर जॉन कैनेडी ने भारत में ट्रांसजेंडर क्लिनिक को वित्त पोषण दिए जाने पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा, "यूएसएआईडी ने भारत में एक ट्रांसजेंडर क्लिनिक को पैसे दिए। मुझे यह नहीं पता था। मुझे यकीन है कि अमेरिकी लोगों को भी यह जानकारी नहीं होगी।"

इसके अलावा, रिपब्लिकन प्रतिनिधि नैन्सी मेस ने भी यूएसएआईडी द्वारा बॉलीवुड अभिनेत्री सोनम कपूर के बहनोई की कंपनी 'शाही एक्सपोर्ट्स' से जुड़े एक संगठन को $750,000 का अनुदान देने पर आपत्ति जताई थी। यह अनुदान भारत में प्रवासी श्रमिकों के बीच अकेलेपन को कम करने के लिए प्रदान किया गया था।

सोमवार को भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत के चुनावों में संभावित विदेशी हस्तक्षेप को लेकर चिंता व्यक्त की। यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस दावे के बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि यूएसएआईडी ने भारत में मतदाता मतदान बढ़ाने के लिए $21 मिलियन आवंटित किए हैं।

जयशंकर ने कहा कि नई दिल्ली इस मामले की जाँच कर रही है और "तथ्य अंततः सामने आएंगे।" इसी दिन, भारत के वित्त मंत्रालय की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि यूएसएआईडी भारत में सात परियोजनाओं को वित्त पोषित कर रहा है, जिनकी कुल राशि $750 मिलियन है। इनमें कृषि, जल और स्वच्छता, नवीकरणीय ऊर्जा, आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों से जुड़ी परियोजनाएँ शामिल हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में इन परियोजनाओं को यूएसएआईडी से $97 मिलियन प्राप्त हुए थे।

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