
18 जुलाई 2025। अमेरिका में वीज़ा प्राप्त करना अब पहले से अधिक सख्त हो गया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि अब वीज़ा आवेदकों की "ऑनलाइन उपस्थिति", विशेष रूप से सोशल मीडिया अकाउंट्स, को भी वीज़ा प्रक्रिया का हिस्सा बनाया जाएगा।
नई नीति के अनुसार, F, M और J श्रेणी के गैर-आप्रवासी वीज़ा के लिए आवेदन करने वाले छात्रों और एक्सचेंज विज़िटर्स को अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल को सार्वजनिक (Public) करना अनिवार्य होगा। इससे अधिकारियों को यह देखने का अवसर मिलेगा कि कोई आवेदक अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा तो नहीं।
विदेश विभाग के अनुसार, “हर वीज़ा निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होता है, और हम वीज़ा जाँच में सभी उपलब्ध सूचनाओं का उपयोग करते हैं, जिनमें सोशल मीडिया भी शामिल है।”
व्यक्तिगत स्वतंत्रता बनाम सुरक्षा?
इस कदम से निजता की चिंताओं पर बहस तेज हो गई है। इस बीच एक अन्य घटना ने इस नीति को और भी चर्चित बना दिया है। नॉर्वे के एक 21 वर्षीय पर्यटक मैड्स मिकेलसन का दावा है कि न्यू जर्सी के नेवार्क हवाई अड्डे पर अमेरिकी बॉर्डर पैट्रोल ने उनके मोबाइल फोन की जांच के दौरान एक मीम मिलने पर उन्हें अमेरिका में प्रवेश से रोक दिया।
उस मीम में एक अमेरिकी राजनेता जेडी वेंस को एक बच्चे के सिर के साथ दिखाया गया था। मिकेलसन के अनुसार, अधिकारियों ने उन्हें अपमानित किया, फोन खंगाला और यहां तक कि कपड़े उतरवाकर तलाशी ली।
विश्लेषण:
सोशल मीडिया अब केवल संवाद का माध्यम नहीं रहा, बल्कि अमेरिका जैसे देशों के लिए यह अब राष्ट्रीय सुरक्षा और वीज़ा नीति का हिस्सा बन चुका है। इससे जहां सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ी है, वहीं निजता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी नई बहस शुरू हो गई है।