
9 जुलाई 2025। रूस की उप-प्रधानमंत्री तात्याना गोलिकोवा ने देश में बढ़ते प्रजनन संकट को लेकर गंभीर चेतावनी दी है। उन्होंने बताया कि प्रजनन आयु की महिलाओं की संख्या में ऐतिहासिक गिरावट के कारण देश की जन्म दर में भारी कमी आ रही है।
मंगलवार को सांसदों के साथ हुई एक अहम बैठक में गोलिकोवा ने कहा कि 18 से 49 वर्ष की आयु की महिलाओं की संख्या, जो एक दशक पहले 3.9 करोड़ थी, अब घटकर 3.4 करोड़ रह गई है। यदि वर्तमान रुझान जारी रहे, तो यह संख्या 2046 तक गिरकर केवल 2.7 करोड़ रह जाएगी।
उन्होंने इस गिरावट के पीछे द्वितीय विश्व युद्ध के प्रभाव और 1990 के दशक की आर्थिक अस्थिरता को मुख्य कारण बताया, जिससे युवा जनसंख्या और विशेषकर प्रजनन आयु की महिलाओं की संख्या पर दीर्घकालिक असर पड़ा है।
उप-प्रधानमंत्री ने कहा कि इन जनसांख्यिकीय चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय परियोजना "परिवार" तैयार की जा रही है, जिसका उद्देश्य जनसंख्या वृद्धि को बढ़ावा देना और युवा परिवारों को सशक्त बनाना है।
इस संकट से निपटने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिनमें प्रसव के लिए एकमुश्त भुगतान, मातृत्व लाभों का विस्तार, और दस या अधिक बच्चों की परवरिश करने वाली महिलाओं के लिए "मदर हीरोइन" सम्मान की पुनर्बहाली शामिल है।
इसके अलावा, बिना संतान की जीवनशैली को बढ़ावा देने से रोकने के लिए नीतियाँ अपनाई गई हैं और बहु-संतान परिवारों के लिए अतिरिक्त कर लाभों पर विचार किया जा रहा है।
गोलिकोवा ने यह भी बताया कि सबसे सक्रिय प्रजनन समूह – 20 से 29 वर्ष की आयु की महिलाओं – की संख्या 2026 तक गिरकर 71.8 लाख हो जाएगी, जो अब तक का सबसे निचला स्तर होगा। हालाँकि, 2038 तक इसमें धीरे-धीरे सुधार की संभावना है और यह आंकड़ा 92.8 लाख तक पहुँच सकता है।
रोसस्टैट (राष्ट्रीय सांख्यिकी एजेंसी) के अनुसार, रूस की जन्म दर वर्ष 2024 में 1.22 मिलियन रही, जो 2023 की तुलना में 3.4% कम है और 1999 के बाद सबसे निचला स्तर है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस गिरावट में 2028 से मामूली सुधार आ सकता है।