भारत का लेजर हथियार युग शुरू: DRDO ने किया देश के पहले एंटी-ड्रोन लेजर सिस्टम का सफल परीक्षण

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 1272

🛰️ Prativad.com | 14 अप्रैल 2025

भारत ने आज आधिकारिक तौर पर भविष्य के युद्धों की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा दिया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने रविवार को आंध्र प्रदेश के कुरनूल स्थित नेशनल ओपन एयर रेंज (NOAR) में देश के पहले स्वदेशी लेजर-निर्देशित ऊर्जा हथियार (Laser-Directed Energy Weapon - DEW) Mk-II(A) का सफल परीक्षण किया।

इस उन्नत हथियार प्रणाली को हैदराबाद स्थित CHESS (Centre for High Energy Systems and Sciences) ने DRDO की अन्य प्रयोगशालाओं, शिक्षण संस्थानों और भारतीय उद्योगों के सहयोग से विकसित किया है।

⚡ क्या है लेजर-DEW Mk-II(A)?
यह अत्याधुनिक प्रणाली: 30 किलोवाट की हाई-एनर्जी लेजर बीम के जरिए लक्ष्यों को सेकंडों में नष्ट कर सकती है
ड्रोन, स्वार्म ड्रोन, निगरानी सेंसर और एंटीना जैसे कई हवाई खतरों को हाई-स्पीड और सटीकता से खत्म करने में सक्षम है
इसमें 360 डिग्री EO/IR सेंसर हैं, जो इसे हवाई खतरों को पहचानने और ट्रैक करने की अद्वितीय क्षमता देते हैं
5 किमी तक की मारक रेंज और संचार व सैटेलाइट सिग्नल को जैम करने वाली इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर क्षमता भी मौजूद है
DRDO के अनुसार, इसकी "बिजली जैसी तीव्र गति और सटीकता" इसे भारत का सबसे शक्तिशाली काउंटर-ड्रोन सिस्टम बनाती है।

🌐 भारत अब सुपरपावर क्लब में
इस परीक्षण के साथ भारत अब अमेरिका, रूस और चीन की उस विशिष्ट लीग में शामिल हो गया है, जिनके पास उच्च-ऊर्जा लेजर हथियार प्रणाली तैनात करने की तकनीक है। DRDO प्रमुख डॉ. समीर वी कामत ने ANI को बताया, "यह केवल शुरुआत है। अगला लक्ष्य ‘स्टार वॉर्स’ जैसी क्षमता हासिल करना है।"

वर्तमान में इज़राइल भी इसी प्रकार की प्रणाली विकसित कर रहा है।

🔭 अगला लक्ष्य: 'सूर्या' — 300kW सुपर लेजर
DRDO अब एक और अधिक शक्तिशाली प्रणाली 'सूर्या' पर काम कर रहा है:
300 किलोवाट आउटपुट
20 किलोमीटर तक की रेंज
और यह मिसाइलों व हाई-स्पीड यूएवी को बेअसर करने में सक्षम होगी
यह अगली पीढ़ी का हथियार भारत को डायरेक्ट-एनर्जी सुपरपावर बना सकता है।



🛡️ रक्षा मंत्री की चेतावनी
हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि ड्रोन आज की लड़ाइयों में निर्णायक हथियार बन चुके हैं, और पारंपरिक हथियारों की तुलना में इनका प्रभाव कई गुना बढ़ चुका है। "यूक्रेन-रूस युद्ध इसका प्रमाण है," उन्होंने कहा।

भारत का यह पहला एंटी-ड्रोन लेजर हथियार न केवल आत्मनिर्भर रक्षा तकनीक की दिशा में एक बड़ी छलांग है, बल्कि साइबर-फिजिकल युद्धों के नए युग में भारत की मजबूत मौजूदगी का संकेत भी है।

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