
आंध्र प्रदेश के परीक्षण रेंज में हुआ ड्रोन-लॉन्च मिसाइल सिस्टम का ट्रायल, निजी कंपनियां भी आईं आगे
26 जुलाई 2025। भारत ने अपनी स्वदेशी रक्षा तकनीक को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाते हुए UAV (मानवरहित हवाई वाहन) से दागी जाने वाली एक नई हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल का नाम है ULPGM-V3 — एक अत्याधुनिक, लंबी दूरी की, प्रिसिशन गाइडेड मिसाइल जो विशेष रूप से ड्रोन प्लेटफॉर्म से लॉन्चिंग के लिए डिज़ाइन की गई है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि यह परीक्षण आंध्र प्रदेश स्थित राष्ट्रीय मुक्त क्षेत्र रेंज (NOAR) में किया गया। उन्होंने इसे भारत की रक्षा क्षमताओं के लिए “महत्वपूर्ण बढ़ावा” बताया और कहा, “यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि भारतीय रक्षा उद्योग अब रणनीतिक तकनीकों के विकास और निर्माण के लिए पूरी तरह तैयार है।”
क्यों खास है ULPGM-V3?
ULPGM-V3 मिसाइल में प्रिसिशन टार्गेटिंग सिस्टम है, जो दुश्मन के स्थिर या चलायमान लक्ष्यों को दूर से सटीकता से भेद सकती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे UAV (ड्रोन) के जरिए लॉन्च किया जाता है, जिससे यह दुश्मन की रडार पकड़ से बचते हुए हमले को अंजाम दे सकती है।
ड्रोन तकनीक में आत्मनिर्भरता की ओर भारत
पिछले कुछ वर्षों में भारत ने रक्षा क्षेत्र में ड्रोन टेक्नोलॉजी पर खासा ज़ोर दिया है, खासकर पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बाद। मई में हुए सैन्य टकराव के दौरान भारत ने कामिकेज़ ड्रोन, ड्रोन रोधी प्रणालियों और स्वदेशी UAVs का प्रभावी इस्तेमाल किया।
इन कामिकेज़ ड्रोनों ने दुश्मन की सैन्य संरचनाओं पर सटीक हमले में प्रमुख भूमिका निभाई। ऐसे ड्रोनों की विशेषता यह होती है कि ये लक्ष्य पर विस्फोट करने के लिए खुद ही निशाना बन जाते हैं।
234 मिलियन डॉलर का बड़ा प्लान
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार अगले तीन वर्षों में 234 मिलियन डॉलर (लगभग 1,950 करोड़ रुपये) का एक नया कार्यक्रम शुरू करने की योजना में है, जिसमें ड्रोन, उसके कलपुर्जे, सॉफ्टवेयर, डिफेंस-एंटी-ड्रोन सिस्टम और संबंधित सेवाओं का स्वदेशी उत्पादन शामिल होगा।
युवा इंजीनियर्स का स्टार्टअप बना मिसाल
देश का निजी रक्षा क्षेत्र भी इस रेस में पीछे नहीं है। हाल ही में दो 20 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्रों द्वारा शुरू किए गए स्टार्टअप Apolion Dynamics ने भारतीय सशस्त्र बलों को कामिकेज़ ड्रोन सप्लाई किए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, ये ड्रोन्स 186 मील प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकते हैं और 1 किलोग्राम का विस्फोटक पेलोड ले जाकर टारगेट पर सटीक हमला कर सकते हैं।