
21 जुलाई 2025। एयर इंडिया की हालिया विमान दुर्घटना पर रिपोर्टिंग को लेकर भारतीय पायलट संघ ने वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) और रॉयटर्स के खिलाफ कानूनी नोटिस जारी किया है। संघ ने इन अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों पर हादसे की जांच को “गलत तरीके से पेश करने” और चालक दल को दोषी ठहराने का आरोप लगाया है।
भारतीय पायलट संघ के प्रमुख कैप्टन एमआर वाडिया ने मीडिया को बताया कि इन रिपोर्टों ने न केवल तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया, बल्कि पायलटों की प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंचाई। उन्होंने इसे “गैर-जिम्मेदाराना और आधारहीन रिपोर्टिंग” करार दिया।
क्या है मामला?
12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर टेक-ऑफ के तुरंत बाद एक रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में 241 यात्रियों और 19 स्थानीय निवासियों की मौत हो गई थी।
भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद ही कॉकपिट में ईंधन स्विच बंद हो गए, जिससे दोनों इंजन बंद हो गए। यह तकनीकी गड़बड़ी कैसे हुई, इसकी अभी पुष्टि नहीं हो पाई है।
"पायलट को दोष देना एक सोची-समझी रणनीति"
कैप्टन वाडिया के मुताबिक, पश्चिमी मीडिया ने शुरुआती दिन से ही पायलटों की गलती को लेकर पूर्व-निर्धारित नैरेटिव चलाया। उन्होंने कहा,
“पहले ही दिन वर्दी में कुछ विश्लेषक सामने आकर कहने लगे कि पायलट की गलती थी… यह पूरी तरह से अनुचित और तथ्यहीन था।”
उन्होंने आगे कहा,
“हमने नोटिस इसलिए जारी किया है ताकि इन संस्थानों को सचेत किया जा सके कि वे जांच से पहले अनुमानों के आधार पर दोषारोपण न करें।"
“वित्तीय हितों की भूमिका”
यह पूछे जाने पर कि मीडिया संस्थानों ने ऐसा क्यों किया, वाडिया ने कहा कि इसके पीछे एक ही कारण है – वित्त।
“अगर यह साबित होता है कि हादसे के पीछे बोइंग की तकनीकी खामी है, तो उस पर भारी मुआवजा बन सकता है। इसलिए, तुरंत पायलट को दोषी ठहराने की दिशा में नैरेटिव बनाया गया।”
भारत में सभी बोइंग विमानों की ईंधन प्रणाली की जांच
भले ही AAIB की रिपोर्ट ने बोइंग को सीधे दोषी नहीं ठहराया हो, लेकिन भारतीय विमानन नियामक ने सभी घरेलू बोइंग विमानों की ईंधन प्रणाली की व्यापक जांच का आदेश दे दिया है।
कैप्टन वाडिया ने साफ किया कि यह बताना जल्दबाज़ी होगी कि ईंधन स्विच क्यों बंद हुए, और इसपर तकनीकी विश्लेषण अभी जारी है। लेकिन उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि “जांच पूरी होने तक किसी को दोषी न ठहराएं।”
◼️ सवाल बड़ा है: क्या मीडिया निष्पक्षता की सीमा लांघ गया है?
हादसे की जांच जारी है, लेकिन इस बीच भारत के पायलटों की गरिमा की रक्षा के लिए उठाया गया यह कदम अहम बन गया है।