हिंद महासागर में भारत और अफ्रीकी देशों का साझा नौसैनिक अभ्यास शुरू, समुद्री सुरक्षा में मजबूत साझेदारी की पहल

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 1142

15 अप्रैल 2025। भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करते हुए नौ अफ्रीकी देशों के साथ एक ऐतिहासिक संयुक्त नौसैनिक अभ्यास की शुरुआत की है। इस अभ्यास का नाम है AIKEYME-2025, जिसका संस्कृत में अर्थ होता है — "एकता"।

यह बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास तंजानिया के दार-एस-सलाम में रविवार को प्रारंभ हुआ, जिसमें भारत और तंजानिया संयुक्त मेज़बान हैं। इसके अलावा कोमोरोस, जिबूती, केन्या, मेडागास्कर, मॉरीशस, मोज़ाम्बिक, सेशेल्स और दक्षिण अफ्रीका की नौसेनाएं भी भाग ले रही हैं।

भारतीय नौसेना के अनुसार, इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य साझा समुद्री सुरक्षा चुनौतियों से निपटना, अंतर-संचालन को बढ़ावा देना और अफ्रीकी देशों के साथ रक्षा संबंधों को और सुदृढ़ करना है।

AIKEYME-25 का उद्घाटन समारोह भारतीय विध्वंसक INS चेन्नई पर आयोजित हुआ, जिसमें तंजानिया पीपुल्स डिफेंस फोर्स (TPDF) और भारतीय नौसेना के बैंड ने दोनों देशों के राष्ट्रगान बजाकर द्विपक्षीय मित्रता को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाया।

इस अवसर पर भारत के रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और तंजानिया की रक्षा मंत्री स्टर्गोमेना टैक्स प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

अभ्यास की मुख्य विशेषताएं:
बंदरगाह चरण: पेशेवर संवाद, सामाजिक आदान-प्रदान, संयुक्त प्रशिक्षण और डेक रिसेप्शन।

समुद्री चरण: समुद्री गश्त, खोज एवं बचाव मिशन, एंटी-पायरेसी ऑपरेशन, सीमैनशिप, हेलीकॉप्टर समन्वय अभ्यास और कमांड पोस्ट एक्सरसाइज।

INS केसरी और INS सुनयना भी अभ्यास में भाग ले रही हैं, जिनके माध्यम से अफ्रीकी नौसेनाओं के 44 अधिकारी समुद्री साझेदारी को मजबूत कर रहे हैं।

भारतीय नौसेना ने इस पहल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘SAGAR’ (Security and Growth for All in the Region) नीति के अनुरूप बताया, जो क्षेत्रीय सहयोग, समुद्री विकास और सुरक्षा को प्राथमिकता देती है।

पृष्ठभूमि और भविष्य की दिशा
गौरतलब है कि भारत ने अक्टूबर 2022 में तंजानिया और मोज़ाम्बिक के साथ पहला त्रिपक्षीय नौसैनिक अभ्यास आयोजित किया था। उस दौरान असममित समुद्री खतरों से निपटने के लिए संयुक्त प्रशिक्षण, नाव संचालन, हेलीकॉप्टर मिशन और हताहत निकासी जैसी गतिविधियां संपन्न हुई थीं।

अब AIKEYME-25 अभ्यास उस कड़ी को और आगे बढ़ाता है, जिसमें भारत अफ्रीकी देशों के साथ सामरिक विश्वास, सहयोग और समुद्री सुरक्षा संरचना को मजबूती प्रदान कर रहा है।

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