
5 अगस्त 2025। फिलीपींस की सेना प्रमुख जनरल रोमियो ब्राउनर जूनियर ने संकेत दिया है कि देश भारत से और अधिक रक्षा उपकरणों की खरीद पर गंभीरता से विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि फिलीपींस भारत से हथियार खरीदने को लेकर "उत्साहित" है और आगामी बातचीत में यह प्रमुख एजेंडा रहेगा।
जनरल ब्राउनर ने फिलीपींस समाचार एजेंसी (PNA) को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "हम भारत से अतिरिक्त सैन्य उपकरण और हथियार प्रणाली हासिल करने की दिशा में काम कर रहे हैं।" हालांकि सुरक्षा कारणों से उन्होंने यह नहीं बताया कि किन उपकरणों की खरीद की योजना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के हथियार न केवल उच्च गुणवत्ता वाले हैं बल्कि लागत के लिहाज से भी बेहद प्रभावी हैं, "भारत के साथ रक्षा साझेदारी हमारे लिए लाभदायक है।"
यह बयान ऐसे समय आया है जब फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर भारत की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे हैं। इस दौरान उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होगी, जिसमें रक्षा, व्यापार, समुद्री सहयोग, कृषि, स्वास्थ्य और तकनीक जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग पर चर्चा होगी।
फिलीपींस पहले ही भारत-रूस की ब्रह्मोस मिसाइल परियोजना से 375 मिलियन डॉलर का सौदा कर चुका है। वर्ष 2022 में तीन ब्रह्मोस मिसाइल बैटरियों की खरीद के इस समझौते के तहत पहली बैटरियां अप्रैल 2024 में फिलीपींस पहुंच चुकी हैं। एक बैटरी में कई लॉन्चर, कमांड पोस्ट और संबंधित उपकरण शामिल होते हैं जो ज़मीन, समुद्र या हवा में तैनात किए जा सकते हैं।
भारत की ओर से भी इस यात्रा को रणनीतिक दृष्टिकोण से अहम माना जा रहा है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों देश भारत-आसियान साझेदारी जैसे मंचों के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग को मजबूती दे रहे हैं।
राष्ट्रपति मार्कोस की यात्रा से ठीक पहले भारतीय नौसेना के तीन युद्धपोत – INS मैसूर (गाइडेड मिसाइल विध्वंसक), INS किल्टन (पनडुब्बी रोधी कोरवेट) और INS शक्ति (फ्लीट टैंकर) – फिलीपींस के मनीला बंदरगाह पर पहुंचे। यह दौरा दक्षिण-पूर्व एशिया में चल रही भारतीय नौसेना की ऑपरेशनल तैनाती का हिस्सा है, जिसमें दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच संयुक्त समुद्री अभ्यास भी शामिल है।
यह पूरी पहल ऐसे समय हो रही है जब फिलीपींस और चीन के बीच दक्षिण चीन सागर (या जैसा मनीला कहता है – पश्चिमी फिलीपींस सागर) को लेकर तनाव जारी है। भारत के साथ बढ़ता सैन्य सहयोग मनीला की रणनीतिक संतुलन की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।