
14 अगस्त 2025। भारत अपनी मिसाइल क्षमता को तेज़ी से अपग्रेड कर रहा है, ताकि वह दुनिया की शीर्ष सैन्य शक्तियों में शामिल हो सके। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल ए.पी. सिंह ने खुलासा किया कि मई 2025 के भारत–पाकिस्तान टकराव में वायुसेना ने 300 किमी दूर से पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमान और एक बड़े एयरबोर्न प्लेटफॉर्म (संभवतः ELINT या AEW&C) को मार गिराया। उन्होंने S-400 एयर डिफेंस सिस्टम और ब्रह्मोस मिसाइलों को ‘गेम-चेंजर’ बताया।
डीआरडीओ ने अग्नि-V आईसीबीएम का नया 7,500 किलोग्राम का “बंकर बस्टर” वर्ज़न तैयार किया है, जो विस्फोट से पहले 80–100 मीटर तक ज़मीन भेद सकता है। इसका एक एयर-बर्स्ट वर्ज़न भी विकसित हो रहा है, दोनों की गति मैक 20 तक होगी। यह क्षमता पाकिस्तान और चीन के मज़बूत कमांड सेंटरों को निशाना बनाने के लिए अहम होगी।
भारत के शस्त्रागार में शॉर्ट-रेंज पृथ्वी मिसाइलें, आकाश एयर डिफेंस सिस्टम, परमाणु-सक्षम अग्नि सीरीज़ (7,000 किमी तक), और बहुउपयोगी ब्रह्मोस क्रूज़ मिसाइल (800 किमी तक) शामिल हैं। हाइपरसोनिक ब्रह्मोस-II (मैक 8, 1,500 किमी) और लंबी दूरी की निर्भय क्रूज़ मिसाइल (1,500 किमी) का परीक्षण जारी है।
भविष्य की योजनाओं में हाइपरसोनिक इंजन, मैन्युवरेबल री-एंट्री व्हीकल (MaRV) और एडवांस्ड काउंटरमेज़र्स शामिल हैं, ताकि आधुनिक एयर डिफेंस को मात दी जा सके। अग्नि-VI मिसाइल, जो 6,000–10,000 किमी तक मार करने में सक्षम होगी, भूमि और पनडुब्बी दोनों से दागी जा सकेगी और इसमें MIRV/MaRV तकनीक होगी।
तेज़ तकनीकी प्रगति, बढ़ते स्टॉक और निर्यात सौदों के साथ, भारत एशिया ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में कहीं भी सटीक प्रहार करने में सक्षम “ग्लोबल मिसाइल पावर” बनने की दिशा में मज़बूती से आगे बढ़ रहा है।