
26 अगस्त 2025। नई रिसर्च बताती है कि इंसान चाहे बचपन की बातें छुपाए या आधी रात को रेडियो सुनने का राज़, हमारी प्यारी धरती लगातार ब्रह्मांड में अपनी मौजूदगी का प्रसारण कर रही है।
पेन स्टेट यूनिवर्सिटी और नासा के वैज्ञानिकों ने पाया है कि पृथ्वी से निकलने वाले रेडियो संकेत शायद काफी दूर तक पहुँच चुके होंगे और एलियन सभ्यताएँ इनको सुन भी रही होंगी।
कैसे फैलते हैं धरती के सिग्नल?
धरती से रोज़मर्रा में निकलने वाला रेडियो शोर अंतरिक्ष में लगातार बाहर की ओर जाता है।
नासा का डीप स्पेस नेटवर्क – जो इंसानों द्वारा भेजे गए सबसे ताकतवर और स्थायी सिग्नलों में से एक है – इन तरंगों को और भी गहराई तक फैलाता है।
अध्ययन में वैज्ञानिकों ने देखा कि किन ग्रहों की स्थिति के कारण ये रेडियो संकेत सबसे स्पष्ट रूप से अंतरिक्ष में पहुँचते हैं।
कहाँ है सबसे ज्यादा संभावना?
मंगल ग्रह – यहाँ से गुजरते हुए हमारे संकेतों के पकड़े जाने की संभावना सबसे ज्यादा, लगभग 77% है।
शुक्र, बृहस्पति और शनि – इनके साथ संरेखण होने पर यह संभावना घटकर सिर्फ 12% रह जाती है।
अनजान बाह्यग्रह (Exoplanets) – इनके लिए तो मौके लगभग न के बराबर हैं।
वैज्ञानिक क्या कहते हैं?
इस टीम में शामिल शोधकर्ता पिंचेन फैन का कहना है कि “अगर किसी दूर के ग्रह या अंतरिक्षयान की दिशा इन रास्तों से मिलती है, तो वे हमारे भेजे गए इन संकेतों को पकड़ सकते हैं।”
नासा के वरिष्ठ वैज्ञानिक जोसेफ लाज़ियो ने जोड़ा – “हमारे भेजे गए रेडियो सिग्नल्स ब्रह्मांड में सबसे ज्यादा ताकतवर हैं। अगर कहीं एलियन सभ्यता होगी, तो वही इन्हें पकड़ने का सबसे आसान जरिया है।”
एलियन खोज को मिलेगा रोडमैप
यह नया अध्ययन SETI (Search for Extraterrestrial Intelligence) को यह समझने में मदद कर सकता है कि किस दिशा और दूरी पर नज़र रखने से एलियंस को ढूँढ़ने की संभावना बढ़ेगी।
पेन स्टेट के खगोलभौतिकीविद् जेसन राइट के मुताबिक – “हमारी रोज़मर्रा की कम्यूनिकेशन गतिविधियाँ खुद एक तरह की गाइडलाइन हैं, जिससे भविष्य में बुद्धिमान जीवन की खोज और भी सटीक हो सकती है।”
कुल मिलाकर, यह रिसर्च बताती है कि हमारी धरती चुपचाप नहीं है। हो सकता है कि आपकी रात की रेडियो प्लेलिस्ट या फोन कॉल, किसी दूरस्थ ग्रह पर किसी एलियन के कानों तक पहुँच रही हो!