
30 अप्रैल 2025। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे हो चुके हैं। इस अवसर पर मिशिगन में आयोजित एक रैली में उन्होंने इस उपलब्धि का जश्न मनाया। ट्रंप की नीतियों और फैसलों ने पहले 100 दिनों में ही अमेरिका की राजनीति, विदेश नीति और प्रशासनिक ढांचे में व्यापक बदलाव ला दिए हैं।
👉 नीतियों की बाढ़: 100+ कार्यकारी आदेश
ट्रंप प्रशासन ने महज 100 दिनों में 100 से अधिक कार्यकारी आदेश जारी किए हैं। इनमें कुछ प्रतीकात्मक हैं, जैसे शॉवरहेड से पानी की अधिक बहाव की अनुमति देना, तो कुछ बेहद निर्णायक, जैसे शिक्षा विभाग को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू करना और आव्रजन मामलों में राष्ट्रपति की शक्तियों को व्यापक रूप से बढ़ाना।
ब्लूमबर्ग के व्हाइट हाउस संवाददाता जोश विंडग्रोव के अनुसार, "यह प्रशासन बहुत तेजी से काम कर रहा है। ट्रंप प्रशासन का उद्देश्य स्पष्ट है – सरकार के तंत्र को फिर से ढालना, और ऐसा करने में वे तेज़ी को अपना सबसे प्रभावी हथियार मानते हैं।"
👉 टैरिफ नीति बनी ट्रंप की पहचान
2 अप्रैल को ट्रंप ने "लिबरेशन डे" की घोषणा करते हुए सैकड़ों देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाए, जिसमें अमेरिका के कई करीबी व्यापारिक साझेदार भी शामिल हैं। हालांकि कुछ टैरिफ अस्थायी रूप से रोक दिए गए हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि टैरिफ ट्रंप की नीतियों की केंद्रबिंदु बन चुकी है।
उनके अनुसार, यदि एक वर्ष बाद भी 20-50% तक के टैरिफ बने रहते हैं, तो वह इसे "पूर्ण जीत" मानेंगे। यहां तक कि एलन मस्क जैसे सहयोगियों ने भी टैरिफ नीति की आलोचना की है, लेकिन ट्रंप इन असहमतियों को नजरअंदाज कर रहे हैं।
👉 टैक्स और मैन्युफैक्चरिंग: संतुलन की रणनीति
ट्रंप का मानना है कि टैरिफ से हुई आय से कर कटौती को वित्तपोषित किया जा सकता है। उनकी योजना है कि टिप्स पर टैक्स को खत्म किया जाए और घरेलू उत्पादन को कर छूट दी जाए। हालांकि उन्होंने करोड़पतियों पर टैक्स बढ़ाने के विचार से कुछ दूरी बना ली है।
👉 एलन मस्क को मिली सरकारी ढांचे में छूट
मशहूर उद्योगपति एलन मस्क को संघीय सरकार के पुनर्गठन की जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि शुरुआत में अनुमान लगाया गया था कि इससे 2 ट्रिलियन डॉलर की बचत होगी, लेकिन अब तक लगभग 150 बिलियन डॉलर की ही बचत हो सकी है। कई विभागों में की गई छंटनी को बाद में रद्द भी करना पड़ा।
👉 आव्रजन नीति: कानूनी और नैतिक बहस के केंद्र में
ट्रंप प्रशासन ने आव्रजन के क्षेत्र में कड़े कदम उठाए हैं – वेनेजुएला के नागरिकों को दी गई अस्थायी सुरक्षा स्थिति को रद्द किया गया है, सीमा पर अतिरिक्त सैनिक तैनात किए गए हैं और 1798 के एलियन एनिमी एक्ट का उपयोग करके निर्वासन की प्रक्रिया को तेज किया गया है। हालांकि, इस नीति की आलोचना हो रही है, विशेष रूप से उन मामलों में जहां निर्वासित लोगों को बाद में अदालत द्वारा वापस लाने का आदेश दिया गया।
👉 विदेश नीति में बदलाव: यूक्रेन और अन्य देशों से दूरी
ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका की पारंपरिक कूटनीति में भी बड़ा बदलाव किया है। यूएसएआईडी जैसे संस्थानों को बंद कर दिया गया है और यूक्रेन जैसे सहयोगियों के साथ संबंधों में ठंडापन आया है। ट्रंप का रवैया अत्यंत लेन-देन आधारित है, जिससे यूरोप और अन्य देशों में अमेरिका के प्रति जनभावनाओं में गिरावट आई है।
👉 आगे क्या?
प्रशासन के अगले 100 दिनों में व्यापार, चीन के साथ समझौता, और राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले प्रमुख रहेंगे। ट्रंप प्रशासन तेजी से बदलाव कर रहा है, लेकिन साथ ही न्यायपालिका के साथ टकराव भी बढ़ रहा है। आने वाले महीनों में यह देखा जाएगा कि उनके आदेशों को अदालतों में वैधता मिलती है या वे कानूनी अड़चनों में फंसते हैं।
ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के शुरुआती 100 दिन उनके पहले कार्यकाल से एकदम अलग रहे। योजना, क्रियान्वयन और सत्ताशक्ति के उपयोग में तीव्रता दिखती है। हालांकि, इन नीतियों का सामाजिक और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव अभी पूरी तरह सामने नहीं आया है। यह साफ है कि ट्रंप प्रशासन मौजूदा संस्थानों और परंपराओं को चुनौती देने के लिए तैयार है – चाहे उसकी कीमत कुछ भी हो।