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रूस ने भारत-पाकिस्तान से तनाव कम करने को कहा, कश्मीर हमले के बाद लावरोव ने जयशंकर से की बातचीत

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 145

मॉस्को | 4 मई 2025

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद बढ़ते भारत-पाकिस्तान तनाव पर वैश्विक प्रतिक्रियाएं तेज़ हो गई हैं। इसी कड़ी में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शनिवार को भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से टेलीफोन पर बात कर दोनों पड़ोसी देशों से राजनयिक माध्यमों से विवाद सुलझाने का आग्रह किया।

रूसी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह बातचीत हाल ही में 26 लोगों की जान लेने वाले आतंकी हमले के बाद की गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया है और सीमा पार आतंकवाद को लेकर गंभीर चिंता जताई है।

रूस ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान को 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर घोषणा-पत्र के सिद्धांतों के अनुरूप आपसी राजनीतिक और कूटनीतिक उपायों से मतभेदों को सुलझाना चाहिए। ये दोनों ऐतिहासिक दस्तावेज़ पहले से ही दोनों देशों को शांतिपूर्ण संवाद और द्विपक्षीय समझौतों के माध्यम से तनाव कम करने का मार्ग दिखाते हैं।

लावरोव और जयशंकर के बीच हुई बातचीत में भारत-रूस द्विपक्षीय सहयोग, साथ ही शीर्ष स्तरीय संपर्कों और आगामी दौरों पर भी चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय ने बताया कि बातचीत सौहार्दपूर्ण रही और दोनों पक्ष क्षेत्रीय स्थिरता के लिए कूटनीतिक प्रयासों को जारी रखने के पक्षधर हैं।

इस बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे संदेश में इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। पुतिन ने कहा, “इस क्रूर अपराध का कोई औचित्य नहीं हो सकता। हम चाहते हैं कि इसके पीछे जो भी हैं, उन्हें सख्त सजा मिले।” उन्होंने आतंकवाद के विरुद्ध भारत के साथ सहयोग और मज़बूती से आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।

वहीं विजय दिवस समारोह (9 मई, मास्को) में भारत की भागीदारी को लेकर भी स्थिति स्पष्ट होती जा रही है। पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रतिनिधित्व की संभावना थी, लेकिन मौजूदा आंतरिक स्थिति को देखते हुए अब रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ के शामिल होने की संभावना जताई गई है।

रूस का यह हस्तक्षेप ऐसे समय में आया है जब दक्षिण एशिया में दो परमाणु संपन्न देशों के बीच बढ़ते तनाव को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय चिंतित है।

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