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भारत में दशकों बाद पहली बार नागरिक सुरक्षा अभ्यास का आदेश, कई राज्यों में मॉक ड्रिल

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 51

6 मई 2025। भारत सरकार ने दशकों बाद पहली बार व्यापक नागरिक सुरक्षा अभ्यास का आदेश दिया है। गृह मंत्रालय ने देश के कई राज्यों को 7 मई को हवाई हमले जैसी आपात स्थितियों के लिए मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इस कवायद का उद्देश्य संभावित शत्रुता या आतंकी हमलों की स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

गौरतलब है कि अप्रैल में कश्मीर में हुए भीषण आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच यह अभूतपूर्व निर्णय लिया गया है। मंत्रालय ने कहा है कि इस अभ्यास में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरनों का उपयोग, स्कूलों और आम नागरिकों को प्रशिक्षण देना, और ब्लैकआउट जैसी रणनीतिक प्रक्रियाओं को शामिल किया जाएगा।

साथ ही राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को छलावरण तकनीकों से छिपाएं और प्रभावी निकासी योजनाओं के तहत आपातकालीन प्रतिक्रिया का पूर्वाभ्यास करें। यह अभ्यास 1971 के बाद पहली बार किया जा रहा है, जब भारत ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान इसी तरह की सुरक्षा तैयारियां की थीं।

राजनीतिक और सैन्य पृष्ठभूमि: तनावपूर्ण हालात में लिया गया निर्णय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह सशस्त्र बलों को "पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता" दी थी, जिससे भारत किसी भी हमले का समय, स्थान और तरीका खुद तय कर सके। यह बयान उस आतंकी हमले के बाद आया था जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।

इसी बीच पाकिस्तान ने अपनी रक्षा तैयारियों को प्रदर्शित करते हुए 'फतह' शृंखला की मिसाइलों और 'अब्दाली' हथियार प्रणाली का परीक्षण किया है, जिनकी मारक क्षमता 280 मील तक है।

शनिवार को रूस में पाकिस्तान के राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली ने चेतावनी दी कि यदि भारत ने उस पर हमला किया या सिंधु जल संधि का उल्लंघन किया, तो पाकिस्तान “पूरी शक्ति” से जवाब देगा।

कूटनीतिक हलचल: भारत को रूस का समर्थन
सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर कश्मीर आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के अनुसार, पुतिन ने निर्दोष लोगों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया और आतंकवाद के खिलाफ भारत को पूरा समर्थन देने की बात कही।

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार से चर्चा में कहा कि यदि भारत और पाकिस्तान दोनों चाहें, तो रूस उनके बीच मध्यस्थता करने को तैयार है।

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