
7 मई 2025 — रूस ने भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से मुद्दों के समाधान की अपील की है। यह अपील ऐसे समय आई है जब भारत ने जम्मू-कश्मीर के बैसरन घाटी में हुए भीषण आतंकी हमले के जवाब में "ऑपरेशन सिन्दूर" के तहत सीमा पार आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई की है।
पिछले महीने बैसरन घाटी में हुए हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी, जिसकी जिम्मेदारी प्रारंभ में द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) नामक संगठन ने ली थी, जो लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध माना जाता है। इसके बाद, भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पंजाब प्रांत के भीतर स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
मॉस्को का संयम का संदेश
रूसी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा, "रूस आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा करता है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस वैश्विक खतरे के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान करता है।" बयान में आगे कहा गया, "हम भारत और पाकिस्तान दोनों से आग्रह करते हैं कि वे अपने मतभेदों को शांतिपूर्ण, राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से सुलझाएं।"
राजनयिक संवाद और संवेदना
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हमले के पीड़ितों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया और भारत-रूस के रणनीतिक साझेदारी को दोहराया। इसके साथ ही रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और पाकिस्तान के विदेश मंत्री मुहम्मद इशाक डार से भी संपर्क कर तनाव कम करने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की।
भारत का रुख
भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई का उद्देश्य केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाना था, न कि पाकिस्तान की सैन्य या नागरिक संरचनाओं को। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि एक प्रमुख लक्ष्य लाहौर के निकट स्थित मरकज़ तैयबा मस्जिद परिसर था, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का वैचारिक और ऑपरेशनल केंद्र माना जाता है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने दावा किया कि भारतीय हमलों में 8 नागरिकों की मृत्यु हुई और 38 लोग घायल हुए हैं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत की कार्रवाई को देश की संप्रभुता पर हमला करार देते हुए "कड़े जवाब" की चेतावनी दी है।