
9 मई 2025 – भारत सरकार ने देश में संचालित सभी ओटीटी और मीडिया स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को तत्काल प्रभाव से पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाली सभी डिजिटल सामग्री को हटाने का निर्देश जारी किया है। यह आदेश ऐसे समय आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर है, खासकर अप्रैल में कश्मीर घाटी में हुए पर्यटक हमलों के बाद।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने गुरुवार को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा:
"राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, भारत में संचालित सभी ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म, मीडिया स्ट्रीमिंग सेवाएं और डिजिटल मध्यस्थ तुरंत उन सभी वेब-सीरीज़, फ़िल्मों, गीतों, पॉडकास्ट और अन्य डिजिटल कंटेंट को हटाएं जिनकी उत्पत्ति पाकिस्तान में हुई है।"
यह निर्देश नेटफ्लिक्स, डिज़्नी+ हॉटस्टार, ऐप्पल म्यूज़िक, स्पॉटिफ़ाई सहित सभी सब्सक्रिप्शन आधारित और फ्री स्ट्रीमिंग सेवाओं पर लागू होगा। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई उन सामग्रियों के खिलाफ है "जो भारत की संप्रभुता, सुरक्षा, एकता और अखंडता को खतरे में डालती हैं।"
पृष्ठभूमि: बढ़ती डिजिटल शत्रुता
भारत ने हाल ही में कुछ पाकिस्तानी कलाकारों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के सोशल हैंडल को देश में ब्लॉक किया है। पाकिस्तान ने भी इसी प्रकार की जवाबी कार्रवाई की है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह डिजिटल प्रतिबंध सांस्कृतिक बहिष्कार की एक नई लहर है जो दोनों देशों के बीच भू-राजनीतिक तनाव को ऑनलाइन स्पेस में भी प्रतिबिंबित कर रही है।
यह पहली बार नहीं है जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सांस्कृतिक मोर्चे पर सख्ती दिखाई है। 2016 में, उरी हमलों के बाद भारतीय मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (IMPPA) ने भारत में पाकिस्तानी कलाकारों के काम करने पर औपचारिक रोक लगा दी थी।
कानूनी जोखिम और अनुपालन दबाव
मंत्रालय ने यह भी चेतावनी दी है कि जो प्लेटफ़ॉर्म इस आदेश का पालन नहीं करेंगे, उन्हें भारत के सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। CNN और अन्य अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत सरकार ने देश में कार्यरत सभी प्रमुख वैश्विक स्ट्रीमिंग कंपनियों से इस संबंध में संपर्क किया है।
भारत-पाक संबंध और डिजिटल विभाजन
भारत और पाकिस्तान, जो 1947 तक एक ही राष्ट्र थे, उस विभाजन के बाद से लगातार चार युद्धों और कई कूटनीतिक गतिरोधों का सामना कर चुके हैं। हालांकि समय-समय पर कला, संगीत और सिनेमा के ज़रिए संबंधों को सुधारने के प्रयास किए गए, लेकिन सुरक्षा आधारित दृष्टिकोण अब डिजिटल स्पेस में भी कड़ा हो चुका है।