
11 मई 2025 – भारतीय सशस्त्र बलों ने "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकवादी ठिकानों पर किए गए सटीक और निर्णायक हमलों की जानकारी एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस में साझा की। तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों—लेफ्टिनेंट जनरल राजीव भाटी (महानिदेशक सैन्य अभियान), एयर मार्शल ए.के. भारती (महानिदेशक वायु अभियान) और वाइस एडमिरल आन प्रेम (महानिदेशक नौसेना अभियान)—ने इस ऐतिहासिक अभियान की विस्तृत जानकारी दी।
लेफ्टिनेंट जनरल भाटी ने बताया कि 22 अप्रैल को बहरलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या के बाद यह स्पष्ट था कि भारत को कठोर संदेश देना होगा। "ऑपरेशन सिंदूर" का उद्देश्य था—आतंकी हमलों के योजनाकारों को दंडित करना और उनके ढांचागत नेटवर्क को नष्ट करना।
उन्होंने कहा, “इस मिशन के लिए पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित नौ आतंकी शिविरों की पहचान की गई, जिनमें मुरिदके और बहावलपुर जैसे कुख्यात ठिकाने शामिल थे।” ये वही स्थान हैं, जहां से अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे आतंकियों को प्रशिक्षित किया गया था।
एयर मार्शल भारती ने वायुसेना की भूमिका को रेखांकित करते हुए बताया कि मुरिदके और बहावलपुर में आतंकवादी ट्रेनिंग कैंपों को उच्च सटीकता वाले गाइडेड हथियारों से निशाना बनाया गया। प्रस्तुत किए गए सैटेलाइट चित्रों में साफ देखा गया कि बम सीधे लक्ष्यों पर गिरे और इमारतों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। “हमारा उद्देश्य केवल आतंकियों को निशाना बनाना था, नागरिकों या सैन्य ठिकानों को नहीं।”
वाइस एडमिरल आन प्रेम ने बताया कि नौसेना ने अरब सागर में अपनी तैनाती के दौरान युद्ध अभ्यास और शस्त्र परीक्षण कर अपनी तत्परता और क्षमताओं को दोबारा परखा। "हमारी नौसेना की निर्णायक तैनाती और आक्रामक समुद्री रणनीति ने पाकिस्तान को युद्धविराम की अपील करने पर मजबूर कर दिया।"
सेना प्रमुखों ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से 7 से 10 मई के बीच नियंत्रण रेखा पर भारी गोलीबारी और ड्रोन घुसपैठ की घटनाएं हुईं, जिनका भारत ने प्रभावी ढंग से जवाब दिया। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी हवाई ठिकानों—जकोल, रफीकी, रहीम यार खान और सुक्कुर सहित—पर भी हमला किया, जिससे उनके रडार सिस्टम और एयरक्राफ्ट हैंगर तबाह हो गए।
सैनिक अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह लड़ाई पाकिस्तान की सेना से नहीं, बल्कि आतंकवाद और उसके संरक्षकों से है। प्रेस ब्रीफिंग के दौरान यह भी बताया गया कि यदि पाकिस्तान या पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी फिर से इस प्रकार के हमले करते हैं, तो "भारत की प्रतिक्रिया और अधिक कठोर और दंडात्मक होगी।"
"ऑपरेशन सिंदूर" भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति और सैन्य क्षमता का स्पष्ट संकेत है। देश की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए भारत किसी भी हद तक जाने को तैयार है।