
12 मई 2025। भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्षविराम को लेकर कई तरह की चर्चाएं और अटकलें सामने आ रही हैं। सोशल मीडिया, स्वतंत्र विश्लेषकों और कुछ विदेशी मीडिया रिपोर्टों के हवाले से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस संघर्षविराम के पीछे पारंपरिक सैन्य दबाव से कहीं अधिक गंभीर—एक संभावित परमाणु संकट—का हाथ हो सकता है।
💥 पाकिस्तान में भूकंप और परमाणु गतिविधि के संकेत
संघर्षविराम से पहले पाकिस्तान में 5.7 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया, जिसका केंद्र एक ऐसे इलाके के पास था जहां परमाणु गतिविधियों की आशंका लंबे समय से जताई जाती रही है। भूगर्भीय और सामरिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भूकंप किसी गहराई वाले विस्फोट से प्रेरित हो, तो यह किसी भूमिगत परमाणु परीक्षण या दुर्घटना की ओर इशारा कर सकता है। हालांकि इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
◼ वायरल वीडियो और रहस्यमयी हवाई गतिविधि
इस घटनाक्रम के साथ ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक पहाड़ी इलाके में जोरदार विस्फोट देखा गया। इसे भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव और संभावित सैन्य कार्रवाई से जोड़कर देखा गया।
इसी समय, हवाई क्षेत्र में प्रतिबंध के बावजूद मिस्र का एक विमान रावलपिंडी की ओर ट्रैक किया गया, जो पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस के बेहद करीब पहुंचा। यह एयरबेस न केवल पाकिस्तान की वायुसेना का कमान केंद्र है, बल्कि देश के परमाणु कमांड और कंट्रोल सिस्टम के निकट भी स्थित है।
💥 ब्रह्मोस मिसाइल और अमेरिकी हस्तक्षेप
इस बीच, भारत द्वारा ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की तैनाती और क्षमता को लेकर खबरें सामने आईं। माना जा रहा है कि पाकिस्तान पर रणनीतिक दबाव बनाने के लिए भारत ने इस मिसाइल का उल्लेख प्रमुख रूप से किया, जिससे क्षेत्रीय सैन्य संतुलन पर असर पड़ा।
अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने स्थिति को परमाणु युद्ध में बदलने की आशंका के मद्देनज़र हस्तक्षेप किया और दोनों पक्षों को संयम बरतने की सलाह दी। ट्रम्प ने एक बयान में यहां तक कहा कि उन्होंने "संघर्ष को रोक दिया", जिससे यह संकेत मिला कि स्थिति सचमुच नियंत्रण से बाहर जा सकती थी। वहीं जब राष्ट्रपति ट्रम्प शुरू में कह चुके थे में दोनों देश के बीच में नहीं हूं यह दोनों देशों का दशकों से चला आ रहा मामला हैं।
💥 संभावित हमले और विकिरण की आशंका
कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया कि भारत ने रावलपिंडी स्थित नूर खान एयरबेस सहित कुछ पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद सोशल मीडिया पर विकिरण से जुड़ी खबरें वायरल हुईं, जिसमें भारत के अतीत के परमाणु परीक्षणों जैसे "बुद्ध फिर मुस्कुराए" का भी उल्लेख किया गया।
उसी दौरान, अमेरिका के ऊर्जा विभाग से संबद्ध एक विशेष विमान को पाकिस्तान के ऊपर उड़ते हुए देखा गया, जिसे रेडियोधर्मी निगरानी या नियंत्रण के लिए डिजाइन किया गया माना जाता है। अटकलें यह भी हैं कि मिस्र के विमान द्वारा ‘बोरॉन’ नामक रसायन लाया गया, जो परमाणु रिसाव की स्थिति में विकिरण को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल होता है।
💥 परमाणु धमकी और कूटनीतिक सक्रियता
कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया कि पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने यदि आवश्यक हुआ तो परमाणु हथियारों के प्रयोग की चेतावनी दी। यही बात अमेरिका की कूटनीतिक सक्रियता का कारण बनी। कहा जा रहा है कि इसी दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच एक सीधी हॉटलाइन सक्रिय की गई ताकि हालात नियंत्रण में रखे जा सकें।
📣 संघर्षविराम और ट्रम्प की घोषणा
अंततः, अमेरिकी दबाव और बढ़ते अंतरराष्ट्रीय तनाव को देखते हुए भारत और पाकिस्तान ने संघर्षविराम पर सहमति जताई। इसकी औपचारिक घोषणा राष्ट्रपति ट्रम्प ने की, जिन्होंने कहा कि उन्होंने "बड़ा विनाश टाल दिया"।
💥 क्या परमाणु युद्ध टला?
घटनाक्रम जिस तरह से उभर कर सामने आए हैं, वे यह संकेत देते हैं कि स्थिति किसी भी क्षण विकराल रूप ले सकती थी। भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं और उनका टकराव केवल क्षेत्रीय नहीं, वैश्विक चिंता का विषय है।
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