
12 मई 2025। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया राष्ट्र के नाम संबोधन और उसके बाद अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सनसनीखेज दावे ने भारत-पाकिस्तान संबंधों पर नई बहस छेड़ दी है। रक्षा मामलों के जानकारों ने एक विस्तृत विश्लेषण में दावा किया है कि भारत ने पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाकर उसे कड़ा संदेश दिया, लेकिन अमेरिका—खासतौर पर ट्रंप—ने इस पूरे घटनाक्रम का क्रेडिट लेने की कोशिश की।
🔥 भारत ने मारा था सैन्य प्रहार, ट्रंप ने लिया श्रेय?
हाल ही में भारत द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान के संवेदनशील ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिससे घबराकर पाकिस्तान की सेना ने अमेरिका से हस्तक्षेप की अपील की।
बताया गया कि पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल आसिम मुनीर ने अमेरिकी नेतृत्व से कहा था कि अगर भारत नहीं रुका, तो वह परमाणु हमले की ओर बढ़ सकता है। इस स्थिति में अमेरिका ने भारत को संपर्क कर संयम बरतने को कहा।
💣 "न्यूक्लियर कॉन्फ्लिक्ट रोका" – ट्रंप का दावा
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटनाक्रम को लेकर दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को रोका। ट्रंप ने कहा, “Millions of people could have died, we stopped a nuclear conflict.”
हालांकि, यह सिर्फ मीडिया क्रेडिट लेने की होड़ थी। उन्होंने कहा, “भारत की योजना पहले से तैयार थी। अमेरिका सिर्फ बीच में आकर क्रेडिट लेना चाहता था।”
POK पर कब होगा निर्णय?
यह स्पष्ट किया गया कि भारत वर्तमान में सैन्य और कूटनीतिक दबाव की रणनीति अपना रहा है।
ऑपरेशन 'सिंदूर' के अंतर्गत भारत ने पहले से ही कई रणनीतिक मोर्चों पर बढ़त बना ली है।
🧠 जनता के लिए संदेश:
जनता से अपील है कि वे सिर्फ सतही बयानबाज़ियों पर नहीं जाएं, बल्कि भारत की गुप्त रणनीति और कूटनीतिक चालों को समझने की कोशिश करें।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति में जहां भारत ने अपने सैन्य कौशल का परिचय दिया, वहीं अमेरिका की ओर से इसे वैश्विक संकट बताकर प्रस्तुत किया गया। यह साफ है कि भारत का रुख अब ‘कब्जा नहीं, नियंत्रण’ की रणनीति पर केंद्रित है—कम से कम फिलहाल।