
3 जून 2025। प्रतिवाद डेस्क| अमेरिका के वाशिंगटन राज्य की एक संघीय अदालत ने ऐतिहासिक निर्णय सुनाते हुए लिनवुड स्थित कोरियन स्पा ‘ओलंपस स्पा’ को ट्रांसजेंडर महिलाओं को सेवा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केवल महिलाओं के लिए संचालित यह स्पा ट्रांस महिलाओं — विशेषकर जिनकी लिंग-पुष्टि सर्जरी नहीं हुई — को बाहर नहीं कर सकता, क्योंकि यह राज्य के भेदभाव-विरोधी कानून का उल्लंघन होगा।
नौवें सर्किट के लिए अमेरिकी अपीलीय न्यायालय ने गुरुवार को 2-1 के बहुमत से यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि यह कदम धर्म, अभिव्यक्ति और संघ की स्वतंत्रता जैसे प्रथम संशोधन अधिकारों का उल्लंघन नहीं है, जैसा कि स्पा प्रबंधन द्वारा तर्क दिया गया था।
ओलंपस स्पा, जो वाशिंगटन राज्य में दो स्थानों पर पारंपरिक कोरियन बाथहाउस के रूप में संचालित होता है, अपनी सेवाओं में पूर्ण नग्नता की आवश्यकता रखता है और मसाज, बॉडी स्क्रब तथा हॉट टब जैसी सुविधाएं प्रदान करता है। 2020 में एक ट्रांसजेंडर महिला को सेवा से वंचित किए जाने पर मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज की गई थी। उक्त महिला ने जननांग सर्जरी नहीं करवाई थी।
राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस आधार पर आपत्ति जताई थी कि स्पा की ‘महिला-केवल’ नीति वाशिंगटन लॉ अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (WLAD) का उल्लंघन करती है, जो सार्वजनिक स्थलों पर लिंग पहचान और अभिव्यक्ति के आधार पर भेदभाव को रोकता है।
स्पा, जिसे एक कोरियाई मूल का ईसाई परिवार संचालित करता है, ने धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों का हवाला देते हुए दावा किया कि नग्नता वाले स्थानों में पुरुष जननांग वाले व्यक्तियों की उपस्थिति उनके विश्वास के विरुद्ध है। प्रबंधन ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि यह नीति उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।
हालांकि, कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि बॉडी स्क्रब या मसाज जैसी सेवाएं 'संविधान द्वारा संरक्षित अभिव्यंजक आचरण' की श्रेणी में नहीं आतीं। न्यायाधीश मार्गरेट मैककेन ने लिखा कि अगर स्पा के तर्क को स्वीकार किया गया, तो कोई भी व्यावसायिक संस्था भेदभाव विरोधी कानूनों से छूट मांग सकती है।
यह निर्णय अमेरिका में ट्रांसजेंडर अधिकारों को लेकर जारी व्यापक बहस के बीच आया है। हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए कई सुरक्षात्मक नीतियों को समाप्त करने और महिलाओं के खेलों व सेना में ट्रांस व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने जैसे आदेश जारी किए थे।