
20 जून 2025 – अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान-इज़राइल संघर्ष पर सैन्य हस्तक्षेप को लेकर चल रही उच्च स्तरीय रणनीतिक बैठकों से अपने रक्षा और खुफिया प्रमुखों को दूर रखा है। एनबीसी न्यूज और वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्टों के मुताबिक, ट्रंप अब एक सीमित और करीबी सलाहकार समूह पर भरोसा कर रहे हैं, जबकि परंपरागत रक्षा सचिव और खुफिया प्रमुखों को निर्णय प्रक्रिया से अलग रखा गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा सचिव पीट हेगसेथ और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड को जानबूझकर इन चर्चाओं से दूर रखा गया है। तुलसी गबार्ड को कथित रूप से इसलिए नजरअंदाज किया गया क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से और आंतरिक तौर पर इस दावे का विरोध किया कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की कगार पर है। वहीं, हेगसेथ को भी ऑपरेशनल प्लानिंग से बाहर रखा गया है, और उनकी जगह दो चार सितारा जनरल मध्य पूर्व में अमेरिकी सैन्य तैनाती की निगरानी कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, ट्रंप अब एक “टियर वन” सलाहकार समूह पर भरोसा कर रहे हैं, जिसमें उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो, सीआईए निदेशक जॉन रैटक्लिफ और ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के उपाध्यक्ष जनरल डैन केन शामिल हैं। यह समूह अब अमेरिका की ईरान नीति को आकार दे रहा है।
हालांकि, पेंटागन के प्रवक्ता सीन पार्नेल ने इन खबरों का खंडन करते हुए कहा कि रक्षा सचिव हेगसेथ “राष्ट्रपति से प्रतिदिन कई बार बात कर रहे हैं और हाल ही में सिचुएशन रूम में भी उनके साथ रहे।” वहीं, गबार्ड ने मीडिया से कहा कि वह और राष्ट्रपति “एक ही पेज पर हैं।”
इस बीच, इज़राइल ने पिछले सप्ताह ईरान पर बड़ा सैन्य हमला किया था, जिसमें दावा किया गया कि तेहरान परमाणु हथियार बनाने के बेहद करीब है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप "अगले दो हफ्तों में" यह निर्णय लेंगे कि अमेरिका इज़राइली सैन्य अभियान में शामिल होगा या नहीं।
हालांकि, सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी के प्रमुख डेमोक्रेट सीनेटर मार्क वार्नर के अनुसार, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का आकलन है कि ईरान ने समृद्ध यूरेनियम का भंडारण तो किया है, लेकिन अभी तक परमाणु हथियार बनाने की दिशा में कोई निर्णायक कदम नहीं उठाया है।
गबार्ड ने भी मार्च में कांग्रेस को बताया था कि खुफिया समुदाय "नहीं मानता कि ईरान सक्रिय रूप से परमाणु हथियार बना रहा है।" लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में इस आकलन को खारिज करते हुए दावा किया कि ईरान "कुछ ही हफ्तों की दूरी" पर है।
पूर्व डेमोक्रेटिक सांसद और इराक युद्ध की दिग्गज तुलसी गबार्ड पहले से ही अमेरिकी खुफिया तंत्र की मुखर आलोचक रही हैं और NSA व्हिसलब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन के समर्थन के लिए भी जानी जाती हैं। हाल ही में हिरोशिमा की यात्रा के बाद उनका एक वीडियो जारी हुआ जिसमें उन्होंने परमाणु युद्ध के खतरे पर चेतावनी दी थी – जिसे लेकर ट्रंप के सलाहकारों में नाराजगी बताई जा रही है।
8 जून को कैंप डेविड में हुई एक अहम रणनीतिक बैठक में उनकी अनुपस्थिति ने इन अटकलों को और बल दिया है कि ईरान नीति तय करने की प्रक्रिया में अब उनका प्रभाव सीमित हो गया है। एनबीसी के मुताबिक, वह हाल की कई महत्वपूर्ण रणनीतिक बैठकों में शामिल नहीं रही हैं।
यह घटनाक्रम दर्शाता है कि ट्रंप प्रशासन में ईरान नीति को लेकर आंतरिक मतभेद और शक्ति संतुलन में बदलाव तेजी से उभर रहे हैं।
FILE PHOTO: Director of National Intelligence Tulsi Gabbard. © Andrew Harnik / Getty Images