
23 जुलाई 2025। साइबर ठग अब ट्रैफ़िक चालान के नाम पर जनता को निशाना बना रहे हैं। ठग व्हाट्सएप पर ई-चालान के रूप में एक APK फ़ाइल भेजते हैं — जो दिखने में तो सरकारी लगती है, लेकिन असल में वह आपके फोन और बैंक अकाउंट दोनों का ताला तोड़ देती है।
◼️ कैसे होता है ये डिजिटल हमला?
जैसे ही कोई यूज़र ई-चालान समझकर उस APK फ़ाइल को इंस्टॉल करता है, वैसा ही उसका मोबाइल हैक हो जाता है। इसके बाद ठग उसे चालान भरने के बहाने बैंक डिटेल्स, UPI ID और OTP तक भरवा लेते हैं — और कुछ ही मिनटों में अकाउंट से हज़ारों रुपये ग़ायब हो जाते हैं।
◼️ भोपाल के शुभम बना शिकार, बैंक से उड़ गए हज़ारों
अशोका गार्डन इलाके में रहने वाले छात्र शुभम को व्हाट्सएप पर एक ट्रैफ़िक चालान का मैसेज मिला। ईमानदार नागरिक होने के नाते उसने फ़ाइल खोली — और यहीं से शुरू हुआ साइबर लूट का खेल। कुछ ही देर में शुभम के बैंक अकाउंट से हज़ारों रुपये निकाल लिए गए।
शुभम ने पुलिस में शिकायत की है। वहीं एक निजी कंपनी में काम करने वाले कृष्णकांत को भी ऐसा ही मैसेज मिला, लेकिन उनके सहकर्मियों ने उन्हें समय रहते आगाह कर दिया।
◼️ कैसे करते हैं साइबर ठग काम?
ठग RTO के नाम पर फ़र्ज़ी ई-चालान का APK लिंक भेजते हैं।
लिंक पर क्लिक करते ही यूज़र के फोन में मैलवेयर इंस्टॉल हो जाता है।
चालान भरने के नाम पर बैंक और UPI डिटेल्स भरवाई जाती हैं।
OTP आते ही ठग पैसा ट्रांसफर कर लेते हैं।
◼️ साइबर सेल की चेतावनी और एडवाइजरी
अतिरिक्त डीसीपी (अपराध) शैलेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि इस नई चाल को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं। जनता को सलाह दी गई है:
◼️ ऐसी किसी APK फाइल को इंस्टॉल न करें
◼️ संदेह होने पर तुरंत साइबर अपराध शाखा से संपर्क करें
◼️ अपने बैंक व मोबाइल में टू-फैक्टर सिक्योरिटी ज़रूर लगाएं
◼️ फर्ज़ी मैसेज को आगे फॉरवर्ड न करें