×

ई-गिफ्ट वाउचर हैक कर साइबर गिरोह ने खरीदा सोना-चाँदी, मध्यप्रदेश में पहली बार सामने आया अनोखा साइबर फ्रॉड

News from Bhopal, Madhya Pradesh News, Heritage, Culture, Farmers, Community News, Awareness, Charity, Climate change, Welfare, NGO, Startup, Economy, Finance, Business summit, Investments, News photo, Breaking news, Exclusive image, Latest update, Coverage, Event highlight, Politics, Election, Politician, Campaign, Government, prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद, समाचार, हिन्दी समाचार, फोटो समाचार, फोटो
Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 290

4 सितंबर 2025। भोपाल के एमपी नगर से साइबर धोखाधड़ी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां अपराधियों ने एक निजी कंपनी द्वारा ग्राहकों को दिए जाने वाले ई-गिफ्ट वाउचर कोड हैक कर लिए और उन्हें ऑनलाइन सोना-चाँदी खरीदने में भुना डाला। इस दौरान असली विजेताओं तक कोड पहुँच भी नहीं पाए थे।

कैसे हुआ खुलासा?
एक स्थानीय कंपनी ने प्रचार अभियान के तहत चुनिंदा ग्राहकों को एसएमएस के जरिए ई-गिफ्ट वाउचर भेजे थे। ये वाउचर प्रतिष्ठित ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म से सोना-चाँदी खरीदने के लिए मान्य थे। लेकिन जब विजेताओं ने अपने वाउचर इस्तेमाल करने की कोशिश की, तो उन्हें बताया गया कि कोड पहले ही भुनाए जा चुके हैं।

जाँच में सामने आया कि साइबर अपराधियों ने पहले ही सीरियल कोड चुराकर उनका इस्तेमाल कर लिया था। केवल एमपी नगर स्थित एक फर्म के ही आठ वाउचर इसी तरह हैक किए गए, जबकि कंपनी की आगे की जांच में कम से कम 57 और वाउचरों की धोखाधड़ी से रिडेम्पशन की पुष्टि हुई।

मथुरा से कनेक्शन
एक विशेष मामले में पुलिस ने पता लगाया कि सात वाउचर उत्तर प्रदेश के मथुरा निवासी ने 15 जुलाई को अवैध रूप से भुनाए थे। इससे अंदेशा गहरा गया है कि इसके पीछे संगठित साइबर अपराधी गिरोह काम कर रहा है।

डेटा लीक या हैकिंग?
20 अगस्त को प्रभावित कंपनी के प्रबंधक ने प्राथमिकी दर्ज कराई। साइबर पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या डेटा सीधे कंपनी के सर्वर से हैक किया गया था या फिर किसी अंदरूनी लीक के जरिए अपराधियों तक पहुँचा। फिलहाल नुकसान का सटीक आकलन नहीं हो सका है।

हाई-टेक होते साइबर अपराधी
अधिकारियों का कहना है कि अब साइबर गिरोह नए-नए तरीके अपना रहे हैं। वे डिजिटल म्यूल अकाउंट, क्रिप्टो वॉलेट और चोरी किए गए पैसों को सोना जैसी भौतिक संपत्तियों में बदलने की तकनीक अपना रहे हैं। इससे न सिर्फ लेन-देन का पता लगाना मुश्किल हो जाता है, बल्कि वसूली की संभावना भी बेहद कम हो जाती है।

राज्य में ई-गिफ्ट वाउचर के जरिए सोना-चाँदी की खरीदारी से जुड़ा यह पहला साइबर अपराध माना जा रहा है।

Related News

Global News