20 नवंबर 2025। ऑनलाइन सेक्सटॉर्शन देश भर में तेजी से बढ़ रहा है और साइबर पुलिस ने इसे एक गंभीर सार्वजनिक सुरक्षा खतरा मानते हुए नया अलर्ट जारी किया है। पुलिस के मुताबिक, अपराधियों का तरीका अब पहले से कहीं ज्यादा संगठित, तकनीकी और खतरनाक हो चुका है। कई मामले तो सामने आते ही नहीं, क्योंकि पीड़ित शर्म या डर की वजह से रिपोर्ट नहीं करते, जिससे अपराधियों का हौसला बढ़ता जा रहा है।
ठग कैसे फँसाते हैं? साइबर पुलिस ने बताए नए पैटर्न
साइबर अपराधी सोशल मीडिया, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, डेटिंग ऐप्स और ईमेल के जरिए शिकार ढूंढते हैं।
उनका तरीका लगभग तय होता है:
• पहले फर्जी महिला प्रोफाइल बनाते हैं — ज्यादातर चोरी की गई तस्वीरें, ग्लैमरस बायो और नकली पहचान
• फिर एक साधारण बातचीत से पीड़ित का भरोसा जीतते हैं
• इसके बाद अचानक वीडियो कॉल शुरू करते हैं
• कॉल पर पहले खुद अश्लील हरकतें करते हैं ताकि पीड़ित झिझक छोड़ दे
• जैसे ही पीड़ित प्रतिक्रिया देता है, ठग स्क्रीन रिकॉर्डिंग चालू कर देते हैं
• फिर शुरू होती है ब्लैकमेल — “परिवार को भेज देंगे”, “फेसबुक पर अपलोड कर देंगे”, “यूट्यूब पर डाल देंगे” जैसी धमकियाँ
ज्यादातर मामलों में ठग पैसे, UPI भुगतान, गिफ्ट कार्ड या और अधिक आपत्तिजनक सामग्री की मांग करते हैं। पुलिस ने बताया कि कुछ मामलों में ब्लैकमेल की वजह से पीड़ित गंभीर अवसाद में चले गए और कुछ ने आत्महत्या तक कर ली।
शिकायतें लगातार बढ़ रहीं, लेकिन रिपोर्टिंग कम
पिछले दो वर्षों में सेक्सटॉर्शन से जुड़े मामलों में कई गुना वृद्धि हुई है।
लेकिन साइबर पुलिस का कहना है कि वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा है।
“युवाओं और आम लोगों में डर इतना है कि वे शिकायत ही नहीं करते,” एक वरिष्ठ साइबर अधिकारी ने बताया।
इस वजह से गैंग सुरक्षित महसूस करते हैं और नए शिकार ढूंढते रहते हैं।
साइबर पुलिस ने चेतावनी दी है कि अपराधी अब:
• AI जनरेटेड वॉयस,
• डीपफेक वीडियो,
• और मॉर्फिंग टूल्स
का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इसका मतलब है कि ठग बिना किसी वास्तविक वीडियो कॉल के भी पीड़ित का नकली अश्लील वीडियो बना सकते हैं और ब्लैकमेल कर सकते हैं। कई शहरों में ऐसे मामले सामने आने लगे हैं।
पीड़ित क्या करें? पुलिस की सलाह
• यह मानें कि यह अपराधियों का खेल है, वीडियो को गंभीरता से न लें
• कोई भुगतान न करें — इससे वसूली का चक्र कभी खत्म नहीं होता
• तुरंत राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज करें
• स्क्रीनशॉट, चैट, कॉल रिकॉर्ड जैसे सभी सबूत सुरक्षित रखें
• अपराधियों को ब्लॉक कर दें और अकाउंट रिपोर्ट करें
क्या न करें
• अज्ञात लोगों के साथ निजी तस्वीरें या वीडियो साझा न करें
• सोशल मीडिया की गोपनीयता सेटिंग्स को मजबूत रखें
• संदिग्ध लिंक या ऐप्स से दूर रहें
• किसी भी तरह की धमकी आने पर घबराएँ नहीं और तुरंत पुलिस को सूचित करें














