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'पूजा का आधार गुरु के चरण..,' श्री राम-कृष्ण की कहानी सुनाकर सीएम डॉ. मोहन ने किया गुरुओं का सम्मान, जानें क्या दी मेगा गिफ्ट?

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 525

आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह-2025
55 लाख स्कूली बच्चों को यूनिफॉर्म के लिए मिले 330 करोड़ रुपये
प्रदेश के 1.50 लाख शिक्षकों को जल्द होगा बड़ा फायदा

5 सितंबर 2025। 'भारतीय परंपरा में अनंत काल से ध्यान का आधार गुरु का स्वरूप, पूजा का आधार गुरु के चरण, मंत्र का आधार गुरु के वचन और मोक्ष का आधार गुरु की कृपा है। प्रचीन काल में गुरु ही भविष्य के लिए शासक तैयार करते थे। जिस प्रकार महर्षि विश्वामित्र जी भगवान श्री राम और लक्षमण को अपने साथ ले गए और उन्हें शस्त्र और शास्त्रों का ज्ञान देकर राक्षसों का नाश कराया। इसी प्रकार कंस का वध करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण उज्जैन में महर्षि सांदीपनि आश्रम पहुंचे और अनेक लीलाएं कीं।' यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर भोपाल में कही। सीएम डॉ. यादव आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह 2025 को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल भी मौजूद थे। कार्यक्रम में सीएम डॉ. यादव ने सरकारी स्कूलों के कक्षा 1 से 8 तक के 55 लाख विद्यार्थियों के खातों में स्कूल यूनिफॉर्म के लिए 330 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। इस मौके पर सीएम डॉ. यादव ने शिक्षकों को चौथे वेतनमान की सौगात भी दी। कार्यक्रम में प्रदेश के शिक्षकों का सम्मान भी किया गया।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। दुश्मन से रक्षा के लिए हमारे वैज्ञानिकों ने आधुनिक सुदर्शन चक्र विकसित कर सेना को सौंपा है। भारत ने दुनिया को हमेशा वसुधैव कुटुम्बकम, जियो और जीने का संदेश दिया है। भारत ने विश्वगुरु रहते हुए शिक्षा के माध्यम से संस्कार दिए हैं। एआई के युग में आप मशीनें तो अच्छी से अच्छी बना सकते हैं, लेकिन संस्कार केवल गुरु ही दे सकते हैं। हजारों सालों से भारतीय संस्कृति ने संस्कारों के माध्यम से समाज को दिशा प्रदान की है, शिक्षा के क्षेत्र में तक्षशिला और नालंदा की भूमिका को कौन भूल सकता है। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने जन्मदिवस को शिक्षक दिवस और उनके सम्मान के रूप में मनाने की बात कही थी, तब से देश में 5 सितंबर को शिक्षकों का सम्मान किया जाता है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आदि शंकराचार्य का जीवन भी मध्यप्रदेश आकर ही बदला था। ओंकारेश्वर की धरती ने उन्हें शंकराचार्य बनाया।

बच्चों को बड़ी भूमिका के लिए करें तैयार
कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में पारिवारिक माहौल भी बदल रहा है। ऐसे में बच्चों को अनुशासित रखना आवश्यक है। शिक्षक स्कूल में और अभिभावक घर में अनुशासन का ध्यान रखें। इससे बच्चों के मन में बड़ों के प्रति आदर का भाव आएगा। समाज में शिक्षकों का सम्मान होना चाहिए। पिछले दिनों राजधानी में शिक्षकों की एक गोष्ठी हुई। इसमें बच्चों में आत्महत्या की घटनाएं बढ़ने जैसे गंभीर विषय पर विचार-विमर्श हुआ। पति-पत्नी बच्चों के सामने झगड़ा न करें। हमारे शिक्षक और अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि बच्चों को ऐसा माहौल दें, जिससे वे भावनात्मक रूप से मजबूत हों। जीवन में छोटी-मोटी कठिनाइयां आने पर हार न मानें और 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।

स्कूली बच्चों-शिक्षकों के खिले चेहरे
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सरकार ने आज 55 लाख बच्चों को स्कूल यूनिफॉर्म के लिए 330 करोड़ रुपये दिए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में सांदीपनि विद्यालय खोले जा रहे हैं। हमारे सरकारी स्कूलों का परिणाम निजी स्कूलों से बेहतर रहा है। यह परिणाम 15 साल में सबसे अच्छा रहा है।

शिक्षकों को चौथे वेतनमान की सौगात
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को चौथे वेतनमान की सौगात देते हुए कहा कि सरकार शैक्षणिक संवर्ग के सहायक शिक्षक, उच्च शिक्षक, नवीन शैक्षणिक संवर्ग के प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षकों को चतुर्थ कार्यमान वेतनमान दिया जाएगा। इससे प्रदेश के 1 लाख 50 हजार शिक्षक लाभान्वित होंगे। इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा और 2025-26 से शिक्षकों को चौथे वेतनमान की सौगात मिलेगी। इससे सरकार पर 117 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा।

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