
Bhopal: 1 जुलाई 2025। शिकायत का सत्यापन कराया गया, जिसमें आरोपी अधिकारी ने 5 हजार रुपए एडवांस में और शेष 10 हजार रुपए दूसरी किस्त जारी होने के बाद लेने की बात कही। इसके बाद एसीबी टीम ने मंगलवार शाम ट्रैप की कार्रवाई की योजना बनाई।
राजस्थान में राजकीय सेवा में नियुक्ति के बाद दो वर्ष का परिवीक्षा काल (प्रोबेशन) पूर्ण होने पर कर्मचारी को स्थायी कर दिया जाता है। लेकिन डूंगरपुर जिले में एक ग्राम विकास अधिकारी पर लालच का ऐसा पर्दा चढ़ा कि प्रोबेशन समाप्त होने से एक माह पहले ही रिश्वत लेते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के हत्थे चढ़ गया।
मामला डूंगरपुर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत वागदरी का है। यहां तैनात ग्राम विकास अधिकारी ऋतिक पटेल को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की दूसरी और तीसरी किस्त जारी करने के बदले 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए एसीबी की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
शिकायत के बाद एसीबी का ट्रैप
एसीबी चौकी डूंगरपुर के प्रभारी रतनसिंह राजपुरोहित ने बताया कि 19 जून को वागदरी निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत दी थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसकी पत्नी के नाम प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत पहली किस्त के रूप में 15 हजार रुपए मिल चुके हैं, लेकिन दूसरी और तीसरी किस्त जारी करने के लिए ग्राम विकास अधिकारी 15 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा है।
शिकायत का सत्यापन कराया गया, जिसमें आरोपी अधिकारी ने 5 हजार रुपए एडवांस में और शेष 10 हजार रुपए दूसरी किस्त जारी होने के बाद लेने की बात कही। इसके बाद एसीबी टीम ने मंगलवार शाम ट्रैप की कार्रवाई की योजना बनाई।