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अभियान कौशल सम्पन्न जनशक्ति निर्माण करने का महायज्ञ - मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

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Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 17348

11 मई 2017, कौशल विकास में मध्यप्रदेश सबसे आगे ? केन्द्रीय राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी



कौशल प्रशिक्षण के प्रति युवाओं में जागरूकता लाने और उन्हें कौशल प्रशिक्षण के लिये प्रेरित करने के लिये "रोजगार की पढ़ाई - चलें आई.टी.आई." अभियान का आज यहाँ पूरे प्रदेश में एक साथ शुभारंभ हुआ। अभियान इस वर्ष चार चरण में किया जायेगा और हर साल चलेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्रीय कौशल विकास राज्य मंत्री श्री राजीव प्रताप रूड़ी के साथ स्थानीय गोविंदपुरा स्थित आदर्श औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से अभियान की शुरूआत की। सभी जिलों में शुभारंभ सत्र का सजीव प्रसारण किया गया।



मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश की जनसंख्या को कौशल सम्पन्न बनाकर इसे प्रदेश की ताकत बनायेंगे। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में कौशल सम्पन्न मानव संसाधन की जरूरत है। भारत हमेशा से ज्ञान और कौशल का देश रहा है। उन्होंने कहा कि यह कौशल सम्पन्न जनशक्ति का निर्माण कर मध्यप्रदेश को बदलने का मिशन है। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अधोसंरचना को सशक्त किया गया है। नए ट्रेड शुरू किये गये हैं और सभी विभाग को कौशल विकास से जोड़ा गया है। आज आई.टी.आई में दो लाख सीट उपलब्ध हैं। इन्हें भविष्य की जरूरतों के अनुरूप बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में संचालित आई.टी.आई को निर्देश दिये गये हैं कि वे पढ़ाई और प्रशिक्षण की गुणवत्ता को सुधारें।



भोपाल में ग्लोबल स्किल डेव्हलपमेन्ट सेंटर स्थापित होगा



श्री चौहान ने कहा कि भोपाल में सिंगापुर के सहयोग से ग्लोबल स्किल डेवपलमेंट सेंटर की स्थापना की जायेगी। प्रदेश के दस संभागीय आई.टी.आई को आदर्श संस्थान के रूप में विकसित किया जायेगा। आई.टी.आई एवं कौशल विकास के क्षेत्र में मध्यप्रदेश को देश में नम्बर वन बनाया जायेगा। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को आदर्श संस्थानों के रूप में विकसित करने के लिए बजट की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कौशल विकास को महायज्ञ बताते हुए कहा कि यह अभियान चार चरण में चलेगा। इसमें स्कूलों को आई.टी.आई से परिचित करवाया जायेगा और आई.टी.आई के शिक्षकों को स्कूलों में भी भेजा जायेगा ताकि स्कूली बच्चे कौशल विकास का महत्व समझ सकें। उन्होंने कहा कि कौशल विकास और आई.टी.आई. रोजगार प्राप्त करने के सबसे सशक्त माध्यम हैं। प्रदेश में औद्योगिक निवेश तेजी से आ रहा है और उद्योगों को स्किल्ड मेनपॉवर की जरूरत है।



मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि इनमें आई.टी.आई. प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को प्राथमिकता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि आई.टी.आई पास आठवीं कक्षा तक पढ़े बच्चों को दसवीं कक्षा तक शैक्षणिक योग्यता की मान्यता दी जायेगी और दसवीं कक्षा पास बच्चों को बारहवीं तक की शैक्षणिक योग्यता की मान्यता दी जायेगी। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिये आई.टी.आई प्रशिक्षण के जरिये कौशल सम्पन्न बनाया जायेगा।



प्लेसमेंट के लिये विशेष प्रकोष्ठ स्थापित



मुख्यमंत्री ने कहा कि आई.टी.आई प्रशिक्षित युवाओं के प्लेसमेंट के लिये विशेष प्रकोष्ठ भी स्थापित किया गया है। सभी विभागों के अधिकारी कौशल विकास में सहयोग करेंगे और अच्छा प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत किया जायेगा। एप्रेंटिसशिप के लिये भी प्रकोष्ठ बनाया गया है। उन्होंने युवाओं का आव्हान करते हुए कहा कि वे स्वयं को रोजगार प्राप्त करने लायक बनायें और प्रदेश को बदलने में मदद करें। उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर और प्रभारी मंत्री आई.टी.आई का नियमित निरीक्षण करेंगे।



कौशल विकास की दिशा में म.प्र. आगे-केन्द्रीय मंत्री श्री रूड़ी



केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्किल्ड इंडिया की कल्पना को मध्यप्रदेश में पूरी क्षमता और दक्षता के साथ क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से कौशल सम्पन्न देश रहा है। कौशल सम्पन्न लोगों ने ही आम जिन्दगी को आरामदायक और सरल बनाया है। भारत को कौशल सम्पन्न जनशक्ति की जरूरत है। इस दिशा में पिछले छह दशक में ध्यान नहीं दिया गया। प्रधानमंत्री ने अलग मंत्रालय बनाकर कौशल और श्रम को सम्मानजनक स्थान दिलवाया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास भी चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कौशल विकास की दिशा में मध्यप्रदेश ने सबसे पहले काम शुरू किया है और इस दिशा में अन्य राज्यों से काफी आगे बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में इसके लिये अलग मंत्रालय बनाकर पूरे देश में आदर्श प्रस्तुत किया है। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना से अनुबंध कर सेना के रिटायर्ड कौशल सम्पन्न जवानों को भी प्रशिक्षण देने के काम में संलग्न किया जायेगा। उन्होंने कहा कि देश को कौशल सम्पन्न देश बनाने का काम राज्यों के सहयोग से ही संभव है। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री श्री चौहान की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश के 108 शासकीय आई.टी.आई. की ग्रेडिंग हो चुकी है। यह उल्लेखनीय कार्य है।



केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले छह दशकों में देश के युवाओं के साथ धोखा होता रहा। उनके कौशल विकास पर ध्यान नहीं दिया गया। मध्यप्रदेश में कौशल विकास के क्षेत्र में सबसे अच्छा काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि कौशल विकास के लिये प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 30 हजार करोड़ का बजट उपलब्ध करवाया है। अब एप्रेंटिसशिप अभियान भी चला रहे हैं। उन्होंने राज्य सरकार के इस फैसले की भी सराहना की जिसके अनुसार आठवीं और दसवीं पास आई.टी.आई के बच्चों को दसवीं और बारहवीं के समकक्ष माना जायेगा। श्री रूड़ी ने कहा कि व्यावसायिक शिक्षण-प्रशिक्षण साथ-साथ चलना चाहिये।



तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री के स्किल इंडिया मिशन और मेक इन इंडिया को मध्यप्रदेश में मूर्त रूप दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना और मुख्यमंत्री कौशल्या योजना की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को कौशल सम्पन्न जनशक्ति का प्रदेश बनाया जायेगा।



प्रदेश में 2 साल में 15 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण



प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने बताया कि अगले दो साल में 15 लाख युवाओं को तकनीकी कौशल प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि आई.टी.आई. की परीक्षा ऑनलाइन करवाने में मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। कौशल विकास को प्राथमिकता देते हुए 2015 में कौशल विकास नीति बनाई गई थी। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और प्रधानमंत्री के स्किल इंडिया मिशन को पूरा करने के लिये प्रदेश में हर स्तर पर प्रयास हो रहा है।



मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास मिशन, मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना, मुख्यमंत्री कौशल्या योजना, "रोजगार की पढ़ाई-चलें आई.टी.आई" अभियान के प्रतीक-चिन्हों का अनावरण किया गया। मुख्यमंत्री ने सिक्युरिटी गार्ड ट्रेनिंग सेंटर का उदघाटन किया। मुख्यमंत्री और श्री रूड़ी ने आई.टी.आई. का भ्रमण किया और प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं से बातचीत की।



इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर, सांसद आलोक संजर और बड़ी संख्या में आई.टी.आई. के विद्यार्थी उपस्थित थे।



संचालक तकनीकी शिक्षा संजीव सिंह ने आभार माना। इस अवसर पर प्रसिद्ध कम्पनियों एवं संस्थानों के साथ तकनीकी शिक्षा विभाग ने आई.टी.आई. के विद्यार्थियों के लिये प्रशिक्षण के लिये अनुबंध किया गया। इससे सवा लाख विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण का लाभ मिलेगा।



इस अवसर पर मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना और मुख्यमंत्री कौशल्या योजना की जानकारी देने वाली पुस्तक और कौशलम् एप का विमोचन किया गया। दृष्टि-बाधित आई.टी.आई प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को लेपटॉप भेंट किये गये। सुश्री त्रिवेणी यादव ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को उनका स्केच भेंट किया।



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