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भोपाल: कलेक्टर गाइडलाइन का अनुमान लगाने के लिए एआई का उपयोग

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 1831

उन स्थानों की पहचान की गई जहां अधिक दर पर रजिस्ट्री की गई थी।

7 मार्च 2024। कलेक्टर गाइडलाइन का अनुमान लगाने के लिए एआई का उपयोग किया जा रहा है।
उन स्थानों की पहचान की गई जहां अधिक दर पर रजिस्ट्री की गई थी।

कलेक्टर गाइडलाइन के तहत संपत्ति पंजीकरण दरों से निपटने के लिए सरकार पहली बार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करने जा रही है।

जिला मूल्यांकन समिति के सदस्यों के साथ बैठक के बाद राज्य स्तरीय समिति जिलों में कलेक्टर गाइडलाइन तय करेगी।

एआई की मदद से, पंजीकरण विभाग ने उस स्थान का मूल्यांकन करने का प्रयास किया है जहां पंजीकरण कलेक्टर की गाइडलाइन में उल्लिखित दरों से अधिक दरों पर किया गया था।

कलेक्टर गाइडलाइन अनुमान लगाने में एआई का उपयोग एक नवीन और क्रांतिकारी क्षेत्र है। यह तकनीक कई लाभ प्रदान करती है:

1. दक्षता में वृद्धि: एआई मॉडल बड़ी मात्रा में डेटा को जल्दी और सटीक रूप से संसाधित कर सकते हैं, जिससे कलेक्टर गाइडलाइन अनुमान लगाने की प्रक्रिया में काफी तेजी आती है।

2. बेहतर सटीकता: एआई मॉडल विभिन्न कारकों को ध्यान में रख सकते हैं जो पारंपरिक तरीकों से अनुमान लगाना मुश्किल होता है, जिसके परिणामस्वरूप अधिक सटीक अनुमान प्राप्त होते हैं।

3. पूर्वाग्रहों में कमी: एआई मॉडल मानवीय पूर्वाग्रहों से मुक्त होते हैं, जो अनुमानों की निष्पक्षता और निष्पक्षता को बढ़ाता है।

4. लागत में कमी: एआई मॉडल मैनुअल अनुमान लगाने की तुलना में अधिक लागत प्रभावी हो सकते हैं, खासकर बड़े डेटासेट के लिए।

5. बेहतर निर्णय लेने: एआई मॉडल कलेक्टरों को अधिक सूचित निर्णय लेने में सहायता कर सकते हैं, जो बेहतर परिणामों में योगदान करते हैं।

आकलन के दौरान भोपाल और इंदौर जैसे कई स्थान ऐसे सामने आए, जहां कलेक्टर गाइडलाइन में बताई गई दरों से दोगुनी से भी ज्यादा दरों पर रजिस्ट्री की गईं।

कुछ जगहों पर कलेक्टर गाइडलाइन में दरें दोगुनी हो सकती हैं। सरकार ने पहले दरों में 2.9 फीसदी की बढ़ोतरी की थी।

इस बार सरकार ने दरें बढ़ाने की पहले से तैयारी कर ली है।

एआई मॉडल कैसे काम करते हैं:
डेटा संग्रह: विभिन्न स्रोतों से डेटा एकत्र किया जाता है, जैसे कि पिछले अनुमान, बाजार की स्थिति, सरकारी नीतियां, और क्षेत्रीय रुझान।
डेटा प्री-प्रोसेसिंग: डेटा को एआई मॉडल द्वारा समझने के लिए तैयार किया जाता है।
मॉडल प्रशिक्षण: डेटा का उपयोग एआई मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाता है।
मॉडल मूल्यांकन: मॉडल की सटीकता और विश्वसनीयता का मूल्यांकन किया जाता है।
गैर-निर्णय लेने: एआई मॉडल कलेक्टरों को अनुमान लगाने में सहायता करते हैं, लेकिन अंतिम निर्णय कलेक्टरों द्वारा ही लिया जाता है।

एआई कलेक्टर गाइडलाइन अनुमान लगाने में क्रांति लाने की क्षमता रखता है। डेटा की उपलब्धता और मॉडल की व्याख्या जैसे मुद्दों को हल करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। एआई के नैतिक उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए भी दिशानिर्देशों की आवश्यकता है।


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