
29 जुलाई 2024। ब्रिटेन, अमेरिका, दक्षिण कोरिया और भारत ने संयुक्त रूप से एक गंभीर चेतावनी जारी की है कि उत्तर कोरिया के हैकर्स दुनिया भर की सरकारी और प्राइवेट कंपनियों से परमाणु और सैन्य गोपनीय जानकारियां चुराने की कोशिश कर रहे हैं। इन देशों का कहना है कि हैकरों के इन समूहों को 'एंडेरियल' और 'ऑन्क्सी स्लीट' के नाम से जाना जाता है।
निशाने पर रक्षा, एरोस्पेस और इंजीनियरिंग सेक्टर
इन देशों की खुफिया एजेंसियों ने जानकारी दी है कि ये हैकर समूह रक्षा, एरोस्पेस, परमाणु और इंजीनियरिंग से जुड़ी इकाइयों को मुख्य रूप से निशाना बना रहे हैं। इनका उद्देश्य इन इकाइयों से गोपनीय जानकारी जुटाना है ताकि उत्तर कोरिया की सैन्य और परमाणु योजनाओं को बल दिया जा सके।
विभिन्न देशों को बनाया निशाना
ब्रिटेन, अमेरिका, दक्षिण कोरिया और भारत के अनुसार, ये हैकर समूह अब तक भारत, ब्रिटेन, अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान सहित कई देशों को अपना निशाना बना चुके हैं। इन देशों की महत्वपूर्ण इकाइयों से जानकारी चुराने के प्रयास लगातार जारी हैं, जिससे वैश्विक सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है।
भारतीय इकाइयों पर विशेष ध्यान
भारत में भी कई सरकारी और निजी कंपनियों को इन हैकरों ने अपना निशाना बनाया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), और प्रमुख परमाणु संस्थानों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। भारत सरकार ने अपने साइबर सुरक्षा उपायों को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता
इस खतरे को देखते हुए, चारों देशों ने मिलकर वैश्विक समुदाय से अपील की है कि वे अपने साइबर सुरक्षा उपायों को और अधिक सुदृढ़ करें और एकजुट होकर इस खतरे का सामना करें। इसके अलावा, निजी कंपनियों को भी अपनी सुरक्षा प्रणालियों को मजबूत करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई है।
इस स्थिति पर नजर रखने के लिए और संबंधित जानकारी के आदान-प्रदान के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन भी किया गया है, जो इन हैकिंग प्रयासों को रोकने और उनके प्रभाव को कम करने के लिए कार्य करेगी।