
26 जून 2025। ब्रिटेन स्थित गरीबी विरोधी संस्था ऑक्सफैम की नई रिपोर्ट ने वैश्विक असमानता की एक बार फिर से परतें खोल दी हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के शीर्ष 1% अमीर लोग पिछले एक दशक में इतनी संपत्ति कमा चुके हैं कि वे वैश्विक अत्यधिक गरीबी को 22 बार खत्म कर सकते हैं।
ऑक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार, 2015 से अब तक इस 1% अमीर वर्ग ने वास्तविक रूप से 33.9 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 2,820 लाख करोड़ रुपये) की संपत्ति अर्जित की है। यह राशि विश्व बैंक द्वारा निर्धारित $8.30 प्रति दिन की अत्यधिक गरीबी रेखा के आधार पर, विश्व की अत्यधिक गरीबी को दो दर्जन बार मिटाने के लिए पर्याप्त है।
? बिलियनेयर्स की दौलत में विस्फोटक वृद्धि
रिपोर्ट बताती है कि वैश्विक स्तर पर लगभग 3,000 अरबपतियों की कुल संपत्ति में 6.5 ट्रिलियन डॉलर का इज़ाफा हुआ है, जिससे उनकी संयुक्त संपत्ति वैश्विक GDP के 14.6% तक पहुँच चुकी है।
जबकि दूसरी ओर, गरीबी उन्मूलन के प्रयास ठप होते दिख रहे हैं। अमीरों की संपत्ति बढ़ रही है, लेकिन गरीबों के लिए सहायता और संसाधनों में कमी देखी जा रही है।
? विकास सहायता में कटौती, संकट की ओर बढ़ते देश
ऑक्सफैम ने चेतावनी दी है कि 1960 के बाद पहली बार सबसे बड़ी कटौती जीवन रक्षक विकास सहायता में देखने को मिल रही है।
G7 देश, जो विश्व की आधिकारिक सहायता का लगभग 75% योगदान देते हैं, 2026 तक 28% की कटौती करने वाले हैं।
अकेले यूके 2027 तक अपनी सहायता राशि में 40% तक की कटौती करेगा।
?️ निजी vs सार्वजनिक संपत्ति: असमानता की खाई
1995 से 2023 के बीच:
निजी संपत्ति में $342 ट्रिलियन की बढ़ोतरी हुई
सार्वजनिक संपत्ति में केवल $44 ट्रिलियन का इज़ाफा हुआ
यह अंतर दर्शाता है कि आर्थिक संसाधन व्यक्तिगत हाथों में केंद्रित होते जा रहे हैं, जबकि सार्वजनिक सेवाएं और कल्याण योजनाएं पिछड़ रही हैं।
? ऋण संकट: गरीब देश और गहराते संकट
रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के आधे से अधिक गरीब देश अब गंभीर ऋण संकट के मुहाने पर खड़े हैं। कई देशों को स्वास्थ्य और शिक्षा की तुलना में ऋण भुगतान पर ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है।
निजी ऋणदाता, जो निम्न आय वाले देशों के 50% से अधिक बाहरी ऋण के मालिक हैं, अक्सर ऋण पुनर्गठन से इनकार करते हैं और दंडात्मक शर्तें थोपते हैं।
? जनता चाहती है अमीरों पर टैक्स
ऑक्सफैम द्वारा कराए गए एक वैश्विक जनमत सर्वेक्षण में:
90% लोगों ने यह मांग की कि सरकारें अति-धनवानों पर टैक्स लगाएँ ताकि सार्वजनिक सेवाओं और जलवायु परिवर्तन से लड़ाई के लिए संसाधन जुटाए जा सकें।
? अमीरी-गरीबी की खाई और गहरी होती जा रही है
ऑक्सफैम की रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि यदि वैश्विक धन असमानता को नियंत्रित किया जाए, तो गरीबी और कर्ज संकट से निकलने का रास्ता संभव है। लेकिन इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति और संरचनात्मक बदलाव की आवश्यकता है।