
29 दिसंबर 2024। भोपाल में 2024 के दौरान साइबर अपराधियों ने बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करते हुए लोगों के बैंक खातों से 61 करोड़ रुपये से अधिक की रकम उड़ा ली। यह आंकड़ा 2023 में हुई साइबर ठगी की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक है, जो डिजिटल सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।
ठगी के प्रमुख तरीके
साइबर अपराधियों ने लोगों को ऑनलाइन निवेश, शेयर ट्रेडिंग, फर्जी हिरासत, और ऑनलाइन खरीदारी के बहाने ठगा। डिजिटल गिरफ्तारी के छह मामलों ने भी सनसनी फैलाई, जिनमें ठगों ने पीड़ितों से लाखों रुपये की नकदी ऐंठ ली।
साइबर सेल की कार्रवाई
मामलों में वृद्धि के बावजूद, साइबर सेल ने प्रभावी कदम उठाए। 60 लाख रुपये से अधिक की राशि बरामद की गई और ठगों द्वारा इस्तेमाल किए गए बैंक खातों में 2 लाख रुपये से अधिक की राशि फ्रीज कराई गई। भोपाल में 2024 के अंत तक साइबर अपराधों से संबंधित 5,764 शिकायतें दर्ज की गईं।
साइबर सेल और क्राइम ब्रांच ने 60 पंजीकृत मामलों में 95 साइबर अपराधियों का पता लगाकर उन्हें गिरफ्तार किया। गिरोहों के खिलाफ भी कार्रवाई तेज की गई, जो ठगों को फर्जी सिम कार्ड और बैंक खाते मुहैया कराते थे।
डिजिटल गिरफ्तारी के चौंकाने वाले मामले
भोपाल में 2024 के दौरान डिजिटल गिरफ्तारी के छह मामले दर्ज हुए, जिनमें से दो बड़े मामले थे:
अवधपुरी का मामला: 28 नवंबर को, एक डॉक्टर दंपति को सीबीआई और ट्राई के अधिकारी बनकर ठगों ने 48 घंटे के लिए डिजिटल रूप से गिरफ्तार किया। इस दौरान, ठगों ने 10 लाख रुपये से अधिक की रकम ट्रांसफर करवाने के लिए मजबूर किया।
उद्यमी विवेक ओबेरॉय का लाइव रेस्क्यू: एक दुर्लभ घटना में, भोपाल पुलिस ने एक उद्यमी को साइबर ठगों के चंगुल से बचाया। ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए छह घंटे तक उन्हें डिजिटल रूप से बंधक बनाए रखा। ठगों ने करोड़ों रुपये की मांग की थी, लेकिन पुलिस के समय पर हस्तक्षेप से यह ठगी टल गई।
जागरूकता और सतर्कता पर जोर
साइबर अपराधियों के गिरोह और उनके नेटवर्क पर कार्रवाई तेज कर दी गई है। साथ ही, लोगों में साइबर जागरूकता बढ़ाने के प्रयास दोगुना कर दिए गए हैं। देखना है आने वालें साल में साइबर जागरूकता के क्या परिणाम आतें हैं।
2024 में भोपाल में साइबर ठगी के बढ़ते मामलों ने डिजिटल सुरक्षा और सतर्कता की जरूरत को रेखांकित किया है। पुलिस और साइबर सेल की सक्रियता के बावजूद, लोगों को भी सतर्क रहने और धोखाधड़ी से बचने के लिए जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।