
? भोपाल गैंग ब्लैकमेलिंग कांड: छात्राओं को फांसने वाली गैंग का खुलासा, मास्टरमाइंड फरहान पुलिस की गोली से घायल
3 मई 2025। राजधानी भोपाल के शिक्षा केंद्रों में से एक माने जाने वाले क्षेत्र में शिक्षा की आड़ में चल रहे अपराध के गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है, जिसने कई कॉलेज छात्राओं की जिंदगी को तबाह करने का षड्यंत्र रचा। अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करने वाली इस गैंग का मास्टरमाइंड फरहान खान निकला है, जो खुद एक निजी कॉलेज से MBA कर चुका है।
? मास्टरमाइंड की साजिशें और पुलिस से मुठभेड़
पुलिस जब फरहान को साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए सीहोर जिले के बिलकिसगंज ले जा रही थी, तब आरोपी ने वाहन रुकवाकर टॉयलेट का बहाना बनाया और SI की पिस्टल छीनने की कोशिश की। संघर्ष के दौरान गोली चल गई, जो उसके पैर में लगी। फरहान को घायल अवस्था में हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
? पुलिसिया कार्रवाई और DCP का बयान
DCP प्रियंका शुक्ला के अनुसार, फरहान के खिलाफ अशोका गार्डन थाने में दो मुकदमे दर्ज हैं। अब तक कुल छह युवकों को इस संगठित गिरोह का हिस्सा बताया गया है, जिनमें से पांच गिरफ्तार किए जा चुके हैं। गैंग कॉलेज और डांस क्लासेस के ज़रिए युवतियों को प्रेमजाल में फंसाता और फिर उन्हें शारीरिक शोषण के जाल में धकेलता।
? गैंग की कुंडली: कौन क्या करता था
फरहान खान (मास्टरमाइंड):
MBA पासआउट, कॉलेज की छात्राओं को बहला-फुसलाकर संबंध बनाता, फिर अश्लील वीडियो बनाकर दूसरे साथियों को सौंपता।
साहिल खान:
डांस क्लास की आड़ में भोपाल की कई लड़कियों को फंसाया। पन्ना निवासी, अशोका गार्डन में डांस अकादमी चलाता था।
अली खान:
छात्राओं को अपने जाल में फंसाकर गैंग तक पहुंचाता और वीडियो बनवाता।
साद:
गैंग के लिए 'ड्राइवर कम सप्लायर' था। युवतियों को ठिकानों तक पहुंचाने और नशा देने की जिम्मेदारी इसी के हाथ में थी।
नबील:
अश्लील वीडियो को पोर्न साइट्स पर बेचने की योजना बनाने वाला। बीटेक स्टूडेंट जो गैंग का टेक्निकल ऑपरेटर था।
अबरार (फरार):
गैंग में युवतियों को 'सेट' करने का काम करता था। पुलिस उसकी तलाश में है।
⚠️ सुनियोजित साम्प्रदायिक लक्ष्य: धर्म विशेष की लड़कियां थीं टारगेट
पूछताछ में यह भी सामने आया है कि इस गैंग का टारगेट धर्म विशेष की लड़कियां थीं। फरहान और उसके साथियों ने स्वीकार किया कि उनके अपराध किसी व्यक्तिगत लालच से नहीं, बल्कि साम्प्रदायिक पूर्वाग्रह से प्रेरित थे। आरोपी शबाब नाम के युवक को इस योजना का “आइडियोलॉजिकल मास्टर” बताया गया है।
? भोपाल कांड और अजमेर रेप कांड: खौफनाक समानता
इस शर्मनाक प्रकरण ने 1992 के अजमेर बलात्कार कांड की यादें ताजा कर दी हैं, जहां 100 से अधिक लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर रेप किया गया और उनका धर्मांतरण करने का दबाव बनाया गया था। वहां भी संगठित गिरोह ने वीडियो और फोटो के ज़रिए ब्लैकमेलिंग की थी।
अब, 32 साल बाद भोपाल में वैसा ही सुनियोजित शोषण सामने आ रहा है — फर्क सिर्फ स्क्रिप्ट में नहीं, लोकेशन में है।
? पुलिस को और पीड़िताओं की तलाश, बदनामी से डर रही लड़कियां
अब तक 5 छात्राओं ने सामने आकर FIR दर्ज करवाई है, लेकिन पुलिस मान रही है कि शिकार बनी लड़कियों की संख्या कहीं अधिक हो सकती है। कई पीड़िताएं सामाजिक बदनामी के डर से सामने नहीं आ रहीं। पुलिस सभी कॉलेजों और डांस क्लासेस की जांच कर रही है।
? सवाल उठते हैं:
क्या संस्थानों की निगरानी तंत्र विफल हो चुका है?
क्या युवतियों को पर्याप्त साइबर और सामाजिक सुरक्षा मिल रही है?
क्या ऐसे अपराध केवल गिरफ्तारी से खत्म हो सकते हैं, या शिक्षा और चेतना की जरूरत है?
✍️ टिप्पणी: भोपाल का ये कांड सिर्फ कानून व्यवस्था का मसला नहीं है, ये हमारे समाज की सामूहिक चुप्पी पर तमाचा है। जब प्रेमजाल में धर्म घुस जाता है और कैमरा हथियार बन जाता है, तब इंसानियत सबसे पहले हारती है।