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यूपी कैबिनेट के फैसले: नई स्थानांतरण नीति और पार्किंग के नए नियमों सहित 11 महत्वपूर्ण निर्णय

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Place: लखनऊ                                                👤By: prativad                                                                Views: 997

6 मई 2025। आज यूपी कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। इस बैठक के बाद आयोजित एक प्रेस वार्ता में मंत्री सुरेश खन्ना ने कैबिनेट द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी दी। कैबिनेट के प्रमुख फैसलों में प्रदेश में पार्किंग स्थलों का निर्धारण प्रमुख रहा। कैबिनेट ने यह निर्णय लिया कि उत्तर प्रदेश के सभी नगर निगमों में पार्किंग के लिए एक समान नियम लागू किए जाएंगे। इसके साथ ही, प्रदेश में कर्मचारियों के स्थानांतरण के लिए नए नियमों की भी घोषणा की गई।

नई तबादला नीति पर लगी मुहर
इसी बैठक में कर्मचारियों के तबादलों की नई नीति को स्वीकृति दी गई। अब प्रदेश के सभी कर्मचारियों के तबादले 15 मई से 15 जून के बीच किए जाएंगे। इससे पहले संबंधित विभाग में इसकी पूरी प्रक्रिया संपन्न कर ली जाएगी।

निजी क्षेत्र में मिलेगा आकर्षक वेतन
विनिर्माण क्षेत्र (मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर) की वैश्विक कंपनियों के साथ-साथ अब सेवा क्षेत्र की भी प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनियां उत्तर प्रदेश में निवेश करेंगी। इसके लिए कैबिनेट ने यूपी ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) नीति को मंजूरी दी है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य आईटी, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं, बीमा, स्वास्थ्य सेवा, ऑटोमोटिव और टेलीकॉम जैसे क्षेत्रों की वैश्विक कंपनियों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित करना है। इस क्षेत्र में बहुत अच्छा वेतन मिलता है, जिसका लाभ प्रतिवर्ष कम से कम प्रदेश के दो लाख युवाओं को प्राप्त होगा।

प्रदेश में सेवा क्षेत्र, यानी सर्विस सेक्टर में विकास की अपार संभावनाएं हैं। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अधिकतम 90 प्रतिशत नौकरियां 60 से 70 हजार रुपये प्रति माह तक के वेतन वाली हैं, जबकि सर्विस सेक्टर में सामान्य वेतन पैकेज एक लाख से पांच लाख रुपये प्रति माह तक होता है। इसे ध्यान में रखते हुए, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और प्रयागराज को जीसीसी नीति के तहत सेवा क्षेत्र के केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसका सीधा लाभ प्रतिवर्ष विभिन्न संस्थानों से निकलने वाले 15 लाख युवाओं को मिलेगा, जिनमें 60 हजार से अधिक इंजीनियरिंग और आईटी स्नातक शामिल होंगे। जीसीसी में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की इकाइयां, आईटी, अनुसंधान-डिजाइन, डेटा एनालिटिक्स और ग्राहक सहायता जैसी विशेष सेवाएं प्रदान करेंगी। इनमें एआई, रोबोटिक्स, क्वांटम कंप्यूटिंग और फिनटेक जैसे क्षेत्रों में विकास की असीम संभावनाएं हैं।

अडानी से बिजली खरीदेगा यूपी
उत्तर प्रदेश में बिजली की खरीद अडानी पॉवर लिमिटेड से की जाएगी। यह बिजली लगभग 5 रुपये 38 पैसे प्रति यूनिट की दर से खरीदी जाएगी। एक अनुमान के अनुसार, इससे 2958 करोड़ रुपये की बचत होगी।

ये हैं कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले:
राज्य कर्मचारियों की तबादला नीति को मंजूरी, 15 मई से 15 जून के बीच होंगे तबादले।
शहरों में नई पार्किंग नीति को मंजूरी, पीपीपी मॉडल पर बनेगी पार्किंग।
पहले चरण में 17 नगर निगमों में पार्किंग नीति की होगी शुरुआत।
पार्किंग के लिए पांच साल के लिए दिया जाएगा लाइसेंस।
पार्किंग का किराया नगर निगम तय करेंगे।
राज्य कर विभाग का दर्जा बदला गया, व्यवसायिक से सेवारत विभाग हुआ।
उत्तरप्रदेश स्टेट कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इंडिया टूरिस्ट बस पार्क (स्थापना व विनियमन) नीति 2025 के प्रस्ताव को मंजूरी।
प्राइवेट बसों के लिए बनेंगे बस स्टैंड

उत्तर प्रदेश में निजी बसों के संचालन को सुव्यवस्थित करने के लिए सरकार उत्तर प्रदेश स्टेट कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इंडिया टूरिस्ट बस पार्क (स्थापना एवं विनियमन) नीति 2025 लागू करेगी। इसके तहत सभी 75 जिलों में प्राइवेट बसों के लिए बस स्टैंड बनाए जाएंगे। इन बस अड्डों पर यात्रियों और ड्राइवर-कंडक्टरों के लिए सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। नई नीति से यातायात व्यवस्था सुधरेगी और यात्रियों को सुविधा मिलेगी।

1500 मेगावाट बिजली की खरीद
बिजली आपूर्ति की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सरकार 1600 मेगावाट की परियोजना से 1500 मेगावाट बिजली खरीदने का प्रस्ताव पारित करेगी। यह खरीद प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग के आधार पर होगी, जिससे राज्य में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इससे प्रदेश में बिजली व्यवस्था बेहतर होगी।

आसान होगा सरकारी कर्मचारियों को तबादला लेना
कैबिनेट से मंजूर स्थानांतरण नीति-2025-26 में कर्मचारियों को कई सुविधाएं दी गई हैं। नीति में मानसिक मंदित और चलने-फिरने में असमर्थ दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती वहां करने की व्यवस्था की गई है, जहां उनके बच्चों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके। प्रदेश के 100 आकांक्षी विकास खंड वाले 34 जिलों में किसी भी विभाग में कोई पद खाली नहीं रहेगा।

तबादला सत्र के बाद समूह क के साथ ही समूह ख के स्थानांतरण विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री के अनुमोदन से होंगे। नियुक्ति विभाग के प्रमुख सचिव एम देवराज ने मंगलवार की शाम स्थानांतरण नीति संबंधी शासनादेश जारी भी कर दिया। तबादले के लिए कटऑफ डेट 31 मार्च 2025 को माना जाएगा। दायरे में न आने वाले समूह ग के कर्मचारियों का पटल जरूर बदला जाएगा। समूह क व ख की तय सीमा से अधिक स्थानांतरण के लिए सीएम से अनुमति लेनी होगी। समूह ग व घ के 10 प्रतिशत से अधिक होने पर विभागीय मंत्री से अनुमोदन लेना होगा। समूह ग और घ का स्थानांतरण मानव संपदा पोर्टल से होगा। तबादले के बाद कार्यभार मुक्ति और ग्रहण करने की व्यवस्था ऑनलाइन होगी। समूह क के अधिकारियों का उनके गृह जिले में तबादला नहीं होगा।

प्रदेश में निजी बसों के लिए अब सभी जिलों में बनेंगे बस अड्डे
प्रदेश में निजी बसों के लिए अब सभी जिलों में बस अड्डे बनेंगे। इनका निर्माण सरकारी क्षेत्र में भी हो सकेगा। नगर पालिका, नगर परिषद व निजी कंपनियां भी इसे बना सकेंगी। लेकिन, बस अड्डों पर यात्रियों के लिए सभी अत्याधुनिक सुविधाएं देनी होंगी। इसके लिए मंगलवार को कैबिनेट बैठक में यूपी स्टेज कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इंडिया टूरिस्ट बस पार्क (स्थापना एवं विनियमन) नीति-2025 को मंजूरी दी गई है।

इन बस अड्डों के बनने से विभिन्न कस्बों में होने वाली जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी और यातायात व्यवस्था में सुधार होगा। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि नीति के अंतर्गत प्रदेश भर में बस अड्डों व पार्कों की स्थापना के लिए किसी एक आवेदक को प्रदेश में 10 से अधिक, एक जिले में 2 से अधिक और एक ही मार्ग पर एक से अधिक बस अड्डा व टूरिस्ट बस पार्क स्थापित करने की अनुमति नहीं मिलेगी। निजी निवेश से स्थापना पर संचालन के लिए पहली बार 10 वर्षों के लिए अनुमति दी जाएगी, जिसका आगे 10 वर्षों के लिए नवीनीकरण हो सकता है। स्वामित्व का हस्तांतरण एक वर्ष से पहले नहीं होगा।

डीएम के यहां देना होगा आवेदन
खन्ना ने बताया कि बस अड्डों और पार्कों की स्थापना के लिए डीएम के यहां आवेदन करना होगा। डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी। स्टेज कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इंडिया टूरिस्ट पार्क नियामक प्राधिकारी का गठन किया जाएगा। नीति के तहत बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व बस पार्क की स्थापना के लिए कम से कम दो एकड़ भूमि होनी चाहिए। आवेदक की वार्षिक नेटवर्थ कम से कम 50 लाख व टर्नओवर 2 करोड़ रुपये होनी चाहिए। कोई भी व्यक्ति अथवा समूह आवेदन कर सकेगा।

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