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योगी आदित्यनाथ सरकार के आठ ऐतिहासिक कदम, जिन्होंने उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदली

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Place: लखनऊ                                                👤By: prativad                                                                Views: 174

24 अक्टूबर 2025। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने शासन, विकास और सुरक्षा के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक बदलाव देखे हैं। कनेक्टिविटी से लेकर महिला सशक्तिकरण और किसानों के हित में उठाए गए साहसिक फैसलों ने राज्य की नई पहचान गढ़ी है।

नीचे वे आठ प्रमुख निर्णय हैं जिन्होंने योगी सरकार के कार्यकाल को परिभाषित किया:

1. बुनियादी ढांचा और कनेक्टिविटी

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को देश के सबसे बेहतर सड़क नेटवर्क वाले राज्यों में शामिल कर दिया है। वर्तमान में छह एक्सप्रेसवे चालू हैं — यमुना, आगरा-लखनऊ, पूर्वांचल, बुंदेलखंड, गोरखपुर लिंक और गंगा एक्सप्रेसवे — जबकि 11 नए एक्सप्रेसवे का काम जारी है।
गंगा एक्सप्रेसवे पूरा होने पर, भारत के कुल एक्सप्रेसवे नेटवर्क का 55% हिस्सा उत्तर प्रदेश के पास होगा।
राज्य अब देश का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क और सक्रिय मेट्रो सिस्टम रखता है। भारत की पहली रैपिड रेल (दिल्ली-मेरठ) और पहला राष्ट्रीय जलमार्ग (हल्दिया-वाराणसी) भी यहीं शुरू हुए।
हवाई सेवाओं में भी तेजी आई है — 16 हवाई अड्डे, जिनमें चार अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे शामिल हैं, और जेवर में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट लगभग तैयार है।

2. मिशन शक्ति: महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के लिए

अक्टूबर 2020 में शुरू किया गया मिशन शक्ति महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता पर केंद्रित है।
राज्यभर में एंटी-रोमियो स्क्वॉड सक्रिय हैं और 32,000 से अधिक उत्पीड़न मामलों में कार्रवाई हुई है।
कन्या सुमंगला योजना के तहत 22 लाख से ज्यादा लड़कियों को आर्थिक सहायता दी गई है।
महिला हेल्पलाइन 112 और 181 को भी मजबूत किया गया है ताकि जरूरतमंद महिलाओं को तुरंत सहायता मिल सके।

3. किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली

किसानों के हित में एक बड़ा कदम उठाते हुए, सरकार ने 1 अप्रैल 2024 से निजी नलकूपों पर बिजली बिल में 100% छूट दी।
इससे लाखों किसानों को राहत मिली। 4 लाख से ज्यादा नलकूपों को जोड़ा गया और कृषि के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की गई।
डार्क जोन क्षेत्रों में लगे प्रतिबंध हटाए गए, जिससे अधिक किसानों को लाभ पहुंचा।

4. राज्य कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधा

2022 में शुरू की गई इस योजना के तहत राज्य कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके परिजनों को कैशलेस इलाज की सुविधा दी गई।
राज्य स्वास्थ्य कार्ड से सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज के साथ पारदर्शिता भी सुनिश्चित हुई। यह कार्ड मरीज के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में रखता है।

5. परीक्षा में नकल और पेपर लीक के खिलाफ सख्त कानून

2024 में सरकार ने नकल और पेपर लीक के खिलाफ कड़ा कानून बनाया।
नकल करते पकड़े गए व्यक्तियों को 3 से 5 साल की सजा, जबकि संगठित पेपर लीक में शामिल लोगों को 5 से 10 साल की कैद और कम से कम 1 करोड़ रुपये जुर्माना देना होगा।
संस्थागत स्तर पर शामिल पाए गए संस्थानों और सेवा प्रदाताओं पर भी कठोर दंड लागू होगा।

6. उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की स्थापना

लागत-प्रभावी और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण बनाया।
देश के कुल 111 राष्ट्रीय जलमार्गों में से 11 उत्तर प्रदेश में हैं, जिनमें गंगा और यमुना शामिल हैं।
यह पहल व्यापार, लॉजिस्टिक्स और क्षेत्रीय संपर्क के नए अवसर खोलने वाली मानी जा रही है।

7. राज्य राजधानी क्षेत्र (SCR) की स्थापना

एनसीआर (दिल्ली मॉडल) से प्रेरणा लेते हुए सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र (SCR) की घोषणा की है।
यह लखनऊ और आसपास के 6 जिलों को जोड़कर 27,826 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करेगा।
इसका लक्ष्य राजधानी के आसपास नियोजित विकास, बुनियादी ढांचे और क्षेत्रीय समन्वय को बढ़ाना है।

8. 47 साल बाद नया औद्योगिक शहर: बुंदेलखंड बीडा

1976 में नोएडा की स्थापना के बाद पहली बार, 2023 में सरकार ने बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (BIDA) की स्थापना की।
यह झांसी जिले के 33 गांवों को मिलाकर बनाया जा रहा है।
इससे बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक निवेश, रोजगार और आर्थिक विकास को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

निष्कर्ष:
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने न सिर्फ प्रशासनिक सुधारों की रफ्तार बढ़ाई है, बल्कि विकास और पारदर्शिता को नए स्तर पर पहुंचाया है। आठ सालों में राज्य की पहचान अब “अवसरों के प्रदेश” के रूप में उभरी है।

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