
3 सितंबर 2025। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में हुई कैबिनेट बैठक में 15 अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी। इस बैठक का सबसे बड़ा फैसला प्रदेश के लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के हितों से जुड़ा रहा।
अब ‘उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम’ का गठन किया जाएगा, जिसके जरिए कर्मचारियों को शोषण से बचाने और उनके अधिकारों की रक्षा की जाएगी। निगम के तहत सर्विस प्रोवाइडर जेम पोर्टल से चुने जाएंगे और नियुक्ति अवधि तीन साल की होगी। कर्मचारियों को हर महीने 1 से 5 तारीख के बीच सैलरी सीधे उनके खाते में दी जाएगी।
कैबिनेट ने कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों को भी मंजूरी दी—
ई-बसें: कानपुर और लखनऊ के लिए 100-100 नई ई-बसें खरीदी जाएंगी, जिससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट और बेहतर होगा।
औद्योगिक निवेश: यूपी औद्योगिक निवेश व रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 के तहत विभिन्न कंपनियों को लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी करने का फैसला।
स्टांप विभाग: इसे अब औपचारिक रूप से सरकारी विभाग घोषित किया गया।
आईटी सेक्टर: ‘उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण नीति-2025’ को मंजूरी मिली, जिससे प्रदेश को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का लक्ष्य है।
निर्यात नीति: यूपी की नई निर्यात नीति को मंजूरी दी गई, जो 2030 तक लागू रहेगी। इसमें निर्यातकों और कारोबारियों को विशेष रियायतें दी जाएंगी।
पैतृक संपत्ति बंटवारा: अब रजिस्ट्री सिर्फ 5,000 रुपये के शुल्क पर कराई जा सकेगी।
इन फैसलों के साथ योगी सरकार ने कर्मचारियों, निवेशकों, निर्यातकों और आम नागरिकों के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।