8 अक्टूबर 2025। वाल्मीकि जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के सफाईकर्मियों और वाल्मीकि समाज को दीवाली से पहले बड़ी सौगात दी है। उन्होंने घोषणा की कि संविदा सफाईकर्मियों को अब 35 से 40 लाख रुपये तक का सुरक्षा बीमा कवर मिलेगा, ताकि कार्य के दौरान किसी भी दुर्घटना की स्थिति में उनके परिवार को आर्थिक सहारा मिल सके।
योगी ने कहा कि सरकार बैंकों से इस बीमा योजना को लेकर बातचीत कर रही है, ताकि इसे जल्द लागू किया जा सके। इसके साथ ही प्रदेश के 80 हजार होमगार्ड्स को भी इसी तरह का सुरक्षा कवच देने की तैयारी है।
अब वेतन सीधे बैंक खाते में
मुख्यमंत्री ने एक और बड़ा निर्णय लेते हुए कहा कि अब संविदा सफाईकर्मियों का वेतन आउटसोर्सिंग कंपनियों के बजाय सरकार के निगमों के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि “वाल्मीकि समाज की सुरक्षा और सम्मान ही समाज की सुरक्षा और सम्मान है।”
“वाल्मीकि का सम्मान, धर्म का सम्मान”
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित महर्षि वाल्मीकि प्रकट दिवस समारोह में योगी ने कहा कि भगवान वाल्मीकि का अपमान, भगवान राम का अपमान है। उन्होंने कहा कि “भगवान वाल्मीकि ने रामायण के माध्यम से बताया कि श्रीराम ही साक्षात धर्म हैं। हर घर में महर्षि वाल्मीकि का चित्र होना चाहिए।”
मुख्यमंत्री ने भारतीय परंपरा के ऋषियों — महर्षि वाल्मीकि, वेदव्यास, संत रविदास और बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर — को याद करते हुए कहा कि इन महापुरुषों ने हर युग में समाज को दिशा दी।
विपक्ष पर हमला
योगी ने विपक्षी दलों पर जातिवाद और वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “जो लोग भगवान राम को गाली देते हैं, वे भगवान वाल्मीकि का भी अपमान करते हैं।” उन्होंने सपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “इन लोगों ने कन्नौज मेडिकल कॉलेज से बाबा साहेब का नाम हटाया और कांशीराम विश्वविद्यालय का नाम बदल दिया। ये दोहरे चरित्र वाले लोग हैं जो हर काम वोट बैंक की नजर से करते हैं।”
योगी ने यह भी कहा कि जब अयोध्या एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर रखा गया, तब भी सपा ने इसका विरोध किया था।
शिक्षा पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने वाल्मीकि समाज से अपील की कि वे अपने बच्चों को शिक्षित करें। उन्होंने कहा, “जब आपके बच्चे पढ़-लिखकर योग्य बनेंगे, तभी समाज में नेतृत्व की भूमिका निभा पाएंगे। कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता — जैसे मां अपने बच्चे की गंदगी साफ करती है, वैसे ही आप समाज की सेवा करते हैं।”
योगी सरकार का यह फैसला न सिर्फ संविदा सफाईकर्मियों के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि राज्य में सामाजिक सुरक्षा और गरिमा आधारित शासन की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।














