
27 सितंबर 2025। माइक्रोसॉफ्ट ने अगली पीढ़ी के AI चिप्स को ठंडा रखने का नया तरीका पेश किया है। कंपनी का कहना है कि उसका माइक्रोफ्लुइडिक कूलिंग सिस्टम परंपरागत मेटल प्लेट्स की तुलना में तीन गुना ज़्यादा गर्मी निकाल सकता है।
क्यों ज़रूरी है यह तकनीक
AI की मांग तेजी से बढ़ रही है और डेटा सेंटर पहले से कहीं ज़्यादा काम कर रहे हैं। इन सेंटरों में लगे चिप्स अब तांबे या एल्यूमीनियम की प्लेट्स से ठंडे किए जाते हैं, जो सीधे चिप पर लगते हैं। लेकिन गर्मी सोर्स से लेयर की दूरी होने के कारण उनकी कूलिंग क्षमता सीमित रहती है।
माइक्रोफ्लुइडिक्स कैसे काम करता है
नए AI चिप्स में बेहद छोटे चैनल (micro-channels) बनाए जाते हैं, जिनसे कूलेंट सीधे गर्म हिस्सों से होकर गुजरता है।
सिस्टम हीट पैटर्न को ट्रैक करता है और AI की मदद से तरल को सही जगह पहुंचाता है।
परिणामस्वरूप, GPU का अधिकतम तापमान 65% तक घटाया जा सकता है।
फायदे
GPU और अन्य हाई-पावर चिप्स को “ओवरक्लॉक” किया जा सकता है, यानी वे तेज़ काम करेंगे लेकिन ज़्यादा गर्म नहीं होंगे।
नए डिज़ाइन छोटे और अधिक ऊर्जा-कुशल चिप्स बनाने में मदद करेंगे।
यह तकनीक डेटा सेंटर की एफिशिएंसी और सस्टेनेबिलिटी दोनों को बेहतर बनाएगी।
प्रकृति से प्रेरित
माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि इस सिस्टम की प्रेरणा पत्तियों की नसों और तितलियों के पंखों जैसे प्राकृतिक पैटर्न से मिली। कंपनी ने इस प्रोजेक्ट पर एक स्विस स्टार्टअप के साथ काम किया है।
माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड ऑपरेशंस और इनोवेशन की सीटीओ जूडी प्रीस्ट ने कहा,
“माइक्रोफ्लुइडिक्स ज़्यादा पावरफुल डिज़ाइन, बेहतर परफॉर्मेंस और छोटे, ऊर्जा-कुशल चिप्स की राह खोलता है।”
आगे की दिशा
माइक्रोसॉफ्ट का मानना है कि यह तकनीक आने वाले समय में 3D स्टैक्ड चिप्स जैसे एडवांस डिज़ाइन को संभव बना सकती है, जिन्हें अभी ओवरहीटिंग की वजह से लागू करना मुश्किल है।