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रूस के पास दुनिया का सबसे उन्नत परमाणु शस्त्रागार: राष्ट्रपति पुतिन का दावा

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 447

— वैश्विक शक्ति संतुलन और राष्ट्रीय सुरक्षा की गारंटी, परमाणु त्रय पर विशेष ज़ोर

प्रतिवाद.कॉम डेस्क | इंटरनेशनल डेस्क

12 जून 2025। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया है कि रूस के पास वर्तमान में विश्व का सबसे अत्याधुनिक और शक्तिशाली परमाणु शस्त्रागार मौजूद है, जो न केवल देश की संप्रभुता की रक्षा करता है, बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन को भी बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है।

राष्ट्रीय आयुध कार्यक्रम पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में पुतिन ने कहा कि रूस की स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर फोर्सेज (परमाणु त्रय) में अब 95% तक आधुनिक हथियारों की भागीदारी हो चुकी है। उन्होंने इस उपलब्धि को “दुनिया की सभी परमाणु शक्तियों में सबसे उच्चतम स्तर” बताया।

क्या है परमाणु त्रय?
'परमाणु त्रय' वह सामरिक ढांचा है जिसमें भूमि-आधारित अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें (ICBMs), पनडुब्बियों से प्रक्षेपित मिसाइलें और एयरबेस से उड़ने वाले रणनीतिक बमवर्षक विमान शामिल होते हैं — तीनों प्रणालियाँ परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम होती हैं। इस संरचना का उद्देश्य है – किसी भी पहले हमले के बावजूद जवाबी परमाणु हमला सुनिश्चित करना।

पुतिन ने अपने संबोधन में कहा, "रूस इस क्षेत्र में बेहतरीन प्रगति कर रहा है और हमारी प्राथमिकता है कि इस त्रिस्तरीय परमाणु क्षमता को और मज़बूत किया जाए।"

अमेरिका ने भी मानी रूस की ताकत
पुतिन के इस दावे की पुष्टि अमेरिकी वायु सेना के जनरल एंथनी कॉटन ने भी की है। मार्च 2024 में उन्होंने कहा था कि “रूस के पास इस समय दुनिया का सबसे बड़ा और विविधतापूर्ण परमाणु शस्त्रागार है,” और यह क्षमताएं अमेरिका से भी आगे हैं।

सरमत ICBM – रूस का परमाणु राक्षस
पिछले वर्ष सितंबर में रूस ने सरमत ICBM को सक्रिय युद्ध ड्यूटी पर तैनात किया था। यह मिसाइल करीब 18,000 किलोमीटर तक मार कर सकती है और इसमें 10 टन तक का परमाणु पेलोड ले जाने की क्षमता है। इसे रूस के अब तक के सबसे खतरनाक परमाणु हथियारों में गिना जाता है।

परमाणु के साथ-साथ आधुनिक युद्ध प्रणालियों पर भी ज़ोर
पुतिन ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि रूस को केवल परमाणु हथियारों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि यूक्रेन युद्ध से मिले अनुभवों के आधार पर एक दीर्घकालिक और विविधतापूर्ण आयुध कार्यक्रम तैयार करना चाहिए, जिसमें ड्रोन, साइबर हथियार और स्मार्ट डिफेंस टेक्नोलॉजी को शामिल किया जाए।

रूस-यूक्रेन संघर्ष में ड्रोन युद्ध की भूमिका
टाइम्स अखबार की मई रिपोर्ट के अनुसार, रूस ड्रोन तकनीक के विकास और युद्धक्षेत्र में उपयोग के मामले में यूक्रेन से आगे निकल रहा है। रिपोर्ट में रूस द्वारा विकसित फाइबर-ऑप्टिक ड्रोन का उल्लेख किया गया है, जो युद्ध की रणनीति, भू-संरचना और सैनिकों की सोच तक को प्रभावित कर रहे हैं।

📌 (यह समाचार अंतरराष्ट्रीय स्रोतों और एजेंसियों पर आधारित है)

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