
तेहरान पर इजरायली हमले के बाद ट्रंप की चेतावनी, कहा – अमेरिका की शर्तें मानो वरना परिणाम होंगे गंभीर
13 जून 2025। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका ने ईरान को उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर "बार-बार समझौते के मौके" दिए, लेकिन तेहरान ने लगातार टालमटोल की नीति अपनाई। ट्रंप ने कहा कि अब भी समय है कि ईरान अमेरिका की शर्तें मान ले, इससे पहले कि सब कुछ खत्म हो जाए।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब शुक्रवार को इजरायली सेना ने ईरान में कई सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए। इन हमलों में ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर मेजर जनरल हुसैन सलामी और ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल मोहम्मद बाघेरी की मौत हो गई। कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक भी इन हमलों में मारे गए हैं।
ट्रंप ने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर पोस्ट करते हुए कहा, “मैंने ईरान को परमाणु समझौते के लिए एक के बाद एक मौके दिए। मैंने ईरानी नेतृत्व से सख्त लहजे में कहा – ‘अब कर लो’।” उन्होंने यह भी इशारा किया कि ईरान अगर नहीं माना, तो उसे इजरायल के एक बड़े सैन्य हमले का सामना करना पड़ेगा, जिसमें अमेरिका द्वारा निर्मित अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल हो सकता है।
ट्रंप ने चेताया कि इजरायल आगे और भी ज्यादा क्रूर हमले के लिए तैयार है, लेकिन अब भी हालात को पलटने का एक मौका बचा है। उन्होंने कहा, “ईरान को अब समझौता करना चाहिए, इससे पहले कि ईरानी साम्राज्य की बची-खुची विरासत भी खत्म हो जाए।”
गौरतलब है कि अप्रैल से ओमान में अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है। अगली बातचीत रविवार को होनी थी, लेकिन इजरायली हमले के बाद ईरान ने reportedly खुद को इस प्रक्रिया से अलग कर लिया है।
अमेरिका की ओर से लगातार यह मांग की जा रही है कि ईरान अपने यूरेनियम संवर्धन (uranium enrichment) कार्यक्रम को पूरी तरह से बंद करे। हालांकि ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने इस मांग को "वास्तविकता से पूरी तरह कटी हुई" बताया है।
वर्तमान में ईरान 60% शुद्धता तक यूरेनियम का संवर्धन कर रहा है, जो 2015 के परमाणु समझौते में तय 3.67% सीमा से काफी अधिक है। यह समझौता ट्रंप के पिछले कार्यकाल में अमेरिका की एकतरफा वापसी के बाद निष्प्रभावी हो गया था।