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सुर सरस्वती समूह की संगीतमय संध्या, गीतों ने बांधा समां

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 127

18 अगस्त 2025। "गीतों के बहाने... खुशियों के खजाने" शीर्षक के अंतर्गत 17 अगस्त 2025 को रवींद्र भवन के गौरांजली सभागार में सुर सरस्वती समूह द्वारा एक भव्य संगीतमय संध्या का आयोजन किया गया। इस मौके पर समूह की संचालिका श्रीमती माला उइके ने मार्गदर्शन दिया, वहीं मंच संचालन डॉ. संजय शर्मा ने किया।

कार्यक्रम की शुरुआत से लेकर अंत तक कलाकारों की प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध बनाए रखा। मंच पर पुराने लोकप्रिय गीतों की प्रस्तुतियों ने न केवल माहौल को संगीतमय बना दिया बल्कि दर्शकों को बीते दौर की यादों से भी जोड़ दिया।

मुख्य प्रस्तुतियों में श्रीमती माला उइके ने "पंछी बनूँ उड़ती फिरूँ" और श्री मनोज जाट ने "ये माना मेरी जान" गीत प्रस्तुत किया। श्री चंदन बंसल ने "पल भर के लिए कोई हमें प्यार कर ले", श्री तुषार सोहनी ने "ओ मेरे शाह-ए-खुबा", श्री संजय राजापुरकर ने "अब क्या मिसाल दूँ", श्री विवेक परांजपे ने "मैं शायर तो नहीं" तथा श्रीमती कल्पना मुंगड़ा और श्री विजय पित्रे ने "ख्वाब हो तुम या", श्री शेषराव ने "अपनी आँखों में बसा कर", श्री अनिल गोरे ने "ऐ गुलबदन", श्रीमती तरुणा ने "छोटी सी उमर में लग गया रोग", और श्रीमती प्रमिला राठौर व युवा कलाकार श्री आदित्य राठौर ने "ये बंधन तो प्यार का बंधन है" गीत प्रस्तुत कर खूब तालियाँ बटोरीं।

दर्शकों ने सभी प्रस्तुतियों का भरपूर आनंद लिया और कलाकारों की मेहनत को सराहा। कार्यक्रम की सफलता पर समूह की ओर से धन्यवाद ज्ञापन करते हुए श्री चंदन बंसल ने कहा— "अगली बार हम और भी शानदार गीतों के साथ उपस्थित होंगे। हमें विश्वास है कि श्रोताओं का ऐसा ही उत्साह और सकारात्मक प्रतिसाद आगे भी मिलता रहेगा।"

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