14 नवंबर 2025। राज्य में एक महीने तक चले ऑपरेशन नयन के बाद अब साइबर पुलिस का फोकस उन लोगों पर है जो बाल पोर्नोग्राफी और महिलाओं से जुड़ी अश्लील सामग्री को इकट्ठा करने, संभालने और आगे भेजने में शामिल हैं। गुरुवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
ऑपरेशन नयन के दौरान पुलिस ने 50 केस दर्ज किए और 40 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया। इसके साथ ही 25 फर्जी और अश्लील वेबसाइट, 65 सोशल मीडिया URL, 45 ईमेल आईडी और 60 मोबाइल नंबरों की पहचान कर उन्हें ब्लॉक भी कराया गया।
साइबर एसपी प्रणय नागवंशी ने बताया कि अदालत के आदेश के मुताबिक बाल पोर्नोग्राफी पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसी के तहत मध्य प्रदेश साइबर पुलिस अब बच्चों और महिलाओं से संबंधित अश्लील सामग्री के संग्रह, भंडारण और प्रसारण को लेकर सख्त अभियान चला रही है।
नागवंशी ने स्पष्ट किया, “ऐसी सामग्री को देखना एक बात है, लेकिन उसे डाउनलोड कर 24 घंटे तक मोबाइल में रखना, पुलिस को सूचना न देना या दूसरों को भेजना गैरकानूनी है। ऐसा करने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस केवल उपभोक्ताओं पर ही नहीं, बल्कि सामग्री उपलब्ध कराने वालों तक भी पहुँचेगी।
अधिकारियों के मुताबिक अब तक कुल 833 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से 50 सही पाई गई हैं।
टीएसपी की मदद ली जाएगी
जांच को मजबूत करने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस टेलीकम्युनिकेशन सर्विस प्रायोरिटी (TSP) की मदद लेगी। यह सेवा देशभर का डेटा एकत्र करती है। पुलिस राज्य से जुड़े नंबर अलग करके जांच आगे बढ़ाएगी।
टीएसपी, फेडरल कम्युनिकेशन्स कमीशन (FCC) का कार्यक्रम है, जिसका संचालन साइबर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी (CISA) करती है। यह सेवा प्रदाताओं को राष्ट्रीय सुरक्षा और आपातकालीन मिशन से जुड़े संगठनों के वॉयस और डेटा सर्किट्स को प्राथमिकता देने के लिए बाध्य करता है।














