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मध्य प्रदेश में प्रोजेक्ट चीता: 2025 के आखिर तक अफ्रीका से आएंगे नए चीते, योजना दूसरे चरण में

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 1483

24 सितंबर 2025। भारत का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चीता अब अपने दूसरे चरण में पहुंच गया है। योजना है कि 2025 के अंत तक बोत्सवाना, नामीबिया और केन्या से 8–10 चीते प्रति देश लाकर कुनो समेत अन्य अभयारण्यों में बसाए जाएंगे। अफ्रीकी देशों के साथ बातचीत अंतिम दौर में है।

फिलहाल भारत में 27 चीते हैं—जिनमें 11 अफ्रीका से आए और 16 यहीं पैदा हुए। सबसे ज़्यादा चीते मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में हैं, जो 748 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। इनमें से लगभग 15 चीते स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं।

कुनो में उम्मीद से बेहतर नतीजे
अधिकारियों के अनुसार, कुनो में चीतों का जीवित रहने का प्रतिशत वैश्विक औसत से अधिक है। शावकों की सर्वाइवल रेट 61% है, जबकि वयस्क चीतों की दर 86% तक पहुंच चुकी है।

नए ठिकानों पर तैयारी
भविष्य में विस्तार के लिए दो और जगहों की पहचान की गई है-गुजरात का बन्नी घास का मैदान और मध्य प्रदेश का नौरादेही अभयारण्य।

18 सितंबर को प्रोजेक्ट के तहत एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया, जब धीरा नाम की मादा चीता (उम्र लगभग 7.5 साल) को कुनो से मंदसौर के गांधी सागर अभयारण्य में सुरक्षित रूप से स्थानांतरित किया गया। इसके लिए उसे एयर-कंडीशन गाड़ी में 7 घंटे की यात्रा कराई गई, जिसके दौरान पशु चिकित्सक और वन अधिकारी निगरानी में रहे।

मुख्यमंत्री का कहना है
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि “मध्य प्रदेश का जंगल और पारिस्थितिकी तंत्र चीतों के लिए सबसे उपयुक्त है। गांधी सागर और नौरादेही जैसे नए ठिकाने तैयार कर हम न केवल चीतों का संरक्षण कर रहे हैं, बल्कि वन्यजीव पर्यटन और स्थानीय रोज़गार को भी बढ़ावा देंगे। प्रोजेक्ट चीता सिर्फ पर्यावरणीय पहल नहीं, बल्कि प्रदेश के विकास की नई दिशा है।”

अधिकारियों का मानना है कि इस तरह के स्थानांतरण भारत में स्वस्थ और आत्मनिर्भर चीता आबादी बनाने के लिए बेहद ज़रूरी हैं।

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