
25 सितंबर 2025। यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन (UCC) के केमिकल वेस्ट को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। 350 मीट्रिक टन वेस्ट जलाने के बाद बनी 900 मीट्रिक टन राख में भारी धातुओं—खासकर मरकरी—की मात्रा पर दो अलग-अलग रिपोर्टों में चौंकाने वाला अंतर सामने आया है।
जबलपुर हाईकोर्ट में राज्य सरकार द्वारा दायर हलफनामे में एमपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, इंदौर की लैब रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। इसमें राख में मरकरी का स्तर 0.09 से 1.5 mg/kg बताया गया।
वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और CSIR-NEERI के संयुक्त हलफनामे में स्थिति बिल्कुल अलग सामने आई। CPCB की ट्रायल रिपोर्ट के अनुसार, रिएक्टर अवशेष में मरकरी 261 से 615 mg/kg और खोदे गए वेस्ट में 152 से 754 mg/kg तक पाई गई।
'दोनों रिपोर्टों में भारी विरोधाभास'
भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों के साथ काम करने वाले संगठन भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढिंग्रा ने कहा—
“सरकार के हलफनामे और CPCB की रिपोर्ट में जमीन-आसमान का फर्क है। सवाल यह है कि मरकरी आखिर गायब कहाँ हो गया? अब सरकार को हाईकोर्ट में इसका जवाब देना होगा।”
मरकरी कितना खतरनाक?
हमीदिया अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. सुमित टंडन ने चेतावनी दी—
“मरकरी एक जहरीली भारी धातु है। यह शरीर में कई तरह की बीमारियाँ और स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकती है।”