
4 अक्टूबर 2025। बच्चों की मौत से जुड़ी दर्दनाक घटना के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने छिंदवाड़ा में इस्तेमाल की गई ‘कोल्ड रीफ’ कफ सिरप की बिक्री पर पूरे मध्य प्रदेश में प्रतिबंध लगा दिया है। सीएम ने शनिवार को ट्वीट कर बताया कि इस सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है, और जांच रिपोर्ट आने के बाद तत्काल कार्रवाई की गई है।
जांच रिपोर्ट के बाद सख्त कार्रवाई
यह सिरप तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित एक फैक्ट्री में तैयार किया जाता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि घटना सामने आने के बाद राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार से जांच रिपोर्ट मांगी थी। शनिवार सुबह रिपोर्ट आने के बाद सिरप की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया। साथ ही, इस कंपनी के अन्य उत्पादों को भी बैन करने का निर्णय लिया गया है।
दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश
सरकार ने स्थानीय और राज्य स्तर पर जांच टीमें गठित कर दी हैं। सीएम ने स्पष्ट कहा कि बच्चों की जान से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
मंत्री विश्वास सारंग का बयान
स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर कोल्ड रीफ सिरप को प्रदेशभर में बैन किया गया है। जांच रिपोर्ट के बाद तुरंत कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई भी दवा जो मरीजों पर विपरीत असर डालती है, उसे अब राज्य में बेचने की अनुमति नहीं होगी। दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
पहले क्लीन चिट, अब बैन
गौरतलब है कि इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में हुई बच्चों की मौत के मामलों की जांच की थी। मंत्रालय की रिपोर्ट में सिरप के सैंपल में किडनी को नुकसान पहुंचाने वाला कोई जहरीला रसायन नहीं पाया गया था। इसके बावजूद राज्य सरकार ने सतर्कता बरतते हुए सिरप पर बैन लगा दिया है।
क्या है पूरा मामला
छिंदवाड़ा जिले के बड़कुही, जाठाछापर, उमरेठ और परासिया इलाकों में बच्चों को सर्दी-जुकाम और बुखार की शिकायत हुई थी। डॉक्टर की सलाह पर कई परिवारों ने बच्चों को ‘कोल्ड रीफ’ सिरप दिया। कुछ बच्चों की तबीयत ठीक हो गई, लेकिन कई के पेशाब बंद हो गए और किडनी फेल होने के मामले सामने आए। अस्पताल में भर्ती करने के बाद डॉक्टरों ने किडनी इंफेक्शन की पुष्टि की।
सरकार अब दवा कंपनियों पर कड़ी नजर रखेगी। सीएम ने स्पष्ट संदेश दिया है कि बच्चों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। किसी भी संदिग्ध दवा पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।